तुलसी हर घर आंगन की शोभा बढ़ाने का काम करती है लेकिन जल्द ही यह तुलसी खेतों में भी नजर आएगी. यह एक खास तुलसी होगी जिसमें पान, सौंप, लौंग, लेमन और कपूर के गंध वाली खुशबू मौजूद होगी. इसके लिए केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा अनुसंधान (सीमैप) के वैज्ञानिकों ने अलग किस्म को तैयार किया है. यहां पर विकसित की गई 25 किस्मों का डंका न केवल भारतीय औषधीय एवं कॉस्मेटिक उद्योग में बज रहा है, बल्कि विदेशों में भी इनके तेल की बढ़ी डिमांड है,
ठंडक में उगाई जाती
यहां पर लंबे समय से तुलसी पर शोध कर रहे सीमैप के एमरेटस वैज्ञानिक बताते है कि सुवास तुलसी पान का स्वाद देती है. इसकी एक पत्ती को मुंह रखते ही ऐसा मालूम होता है कि मानों पान खाया हो. यहां पर पान की खेती करना एक मुश्किल कार्य है. बीमारी का प्रकोप होते ही पान की पूरी फसल चौपट हो जाती है. ऐसे में यह बेहद जरूरी था कि पान के स्वाद वाले विकल्प को तलाशा जाए. यहां पर शोध करने के बाद तुलसी की दो तरह की किस्मों से तैयार हाइब्रिड किस्म सुवास को तैयार किया है. सबसे खास बात यह है कि जहां पर पारंपरिक रामा-शयामा तुलसी जाड़े में लगभग खत्म हो जाती है, वही सुवास ठंडक में भी आसानी से उगाई जा सकती है. अगर किसानों के नजरिये से देखा जाए तो इसकी साल में तीन कटिंग ली जा सकती है. यहां पर पान की पौध पांच साल तक बेहतर उपज होती है.
तुलसी है खास
बता दें कि सुवास में पान में पाया जाने वाला चेविबिटोल होता है. इसके च्यूंगम और फ्लेवर की इंडस्ट्री में काफी मांग है. इसी तरह से लौंग के फ्लेवर वाली राम तुलसी, लेमन की खुशबू वाली सिम ज्योति, सिम आयु, सिम कंचन, सिम स्निग्धा, सिम सुखदा, सिम शिशिर अपने आप में खास है.
कई उद्योगों में है डिमांड
बता दें कि तुलसी की बहुत ही ज्यादा मांग होती है. उत्तर प्रदेश के फैजाबाद, सुल्तानपुर, बांराबंकी, मथुरा एवं बुदेंलखंड के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी किसान तुलसी की बेहतरीन खेती कर रहे है,. इसके अलावा कई तरह के चाय उद्योग में भी इस तुलसी की काफी ज्यादा मांग है.