आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां इनदिनों धरातल पर सक्रिय हो गई हैं. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी ने आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर पंजाब में एक बड़ा ऐलान किया है. दरअसल आप ने कहा है कि पंजाब में यदि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां पराली जलाने की रोक-थाम के लिए मुफ्त में जैव अपघटक (Bio-Decomposer) का छिड़काव किया जायेगा.
दरअसल, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के लिए किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वहां की सरकारें ही कोई विकल्प उपलब्ध कराने में विफल रही हैं. जिसमें किसानों की गलती नहीं है और उनके खिलाफ कोई भी बयान उचित नहीं होगा.
क्या है बायो डी कंपोजर? (What is Bio Decomposer?)
बायो डी कंपोजर एक ऐसा सूक्ष्म मित्र फंफूद (Fungus) है, जिसके अंदर फसल अवशेषों के लिग्निन युक्त सेल्यूलोज को सड़ाने की भरपूर ऊर्जा होती है. दरअसल फसलों के अवशेषों के ना विघटित हो पाने का एक प्रमुख्र कारण फसलों पर लिग्निन युक्त सेल्यूलोज का आवरण का पाया जाना है, जो कि बहुत ही कठोर होता है, और ज्यादातर अवशेषों के ऊपरी हिस्से में पाया जाता है. कोरडेट द्वारा बनाए गए बायो डी कंपोजर में ऐसा फंफूद है, जो जटिल लिग्निनयुक्त सेल्यूलोज को सड़ाने (अपघटित) करने में पूरी तरह सफल है.
आसान भाषा में आपको समझायें तो बायो डी-कंपोजर में गुड़ और बेसन का घोल होता है, जो मिट्टी में केंचुओं के लिए भोजन होता है जिससे मिट्टी उर्वरक हो जाती है.
बायो डी कंपोजर के फायदे (Advantages of Bio Decomposer)
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सामान्य परिस्थितियों में जैव-निम्नीकरण में लगभग 45 दिन का समय लग जाता है, जबकि डी कम्पोजर से यह प्रक्रिया लगभग 20 दिन में सम्पन हो जाती हैं. डी कम्पोजर मृदा की उर्वरता और उत्पादकता में वृद्धि करता है, क्योंकि पुआल जैविक खाद के रूप में कार्य करता है. साथ ही, इससे उर्वरक की खपत भी कम हो जाती है.
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पराली को जलाने से पर्यावरण को क्षति पहुंचती है तथा मिट्टी की उर्वरता में भी कमी आती है और उपयोगी बैक्टीरिया व कवक भी नष्ट हो जाते हैं.
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पराली के जलाने पर अंकुश लगाने के लिये यह एक कुशल, प्रभावी, सस्ती, व्यावहारिक और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी.
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बायो डी कंपोजर का इस्तेमाल और उपलब्धता (Use and Availability of Bio Decomposer)
इसका प्रयोग मुख्यतः तीन तरीके से होता है. पहला सीधे खेत में, दूसरा गोबर कंपोस्ट गड्ढे में, तीसरा बागों में इकट्ठा हुई पत्तियों पर छिड़काव कर भारी मात्रा में कार्बनिक खाद प्राप्त की जा सकती है. बायो डी कंपोजर समेत इफको के अन्य सभी जैविक उत्पादों को किसान अपने नजदीकी किसान सेवा केन्द्र या कोऑपरेटिव सोसाइटी/पैक्स से प्राप्त कर सकते हैं.
सावधानियां (Precautions)
इसका भण्डारण सदैव धूप से दूर ठण्डे स्थानों पर ही करना चाहिए. ठण्डे स्थानों पर रख्रने का प्रमुख्र कारण यह है कि बायो डी कंपोजर में सूक्ष्म जीव (फंगस) पाए जाते हैं. अत्याधिक तापक्रम के कारण उनके मरने का ख्रतरा होता है. यदि इसमें मौजूद सूक्ष्म जीव ही मर गए तो फिर बायो डी कंपोजर डालने का कोई फायदा नहीं होगा.