Wheat Procurement: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से भारत सरकार द्वारा गेहूं की खरीद अप्रैल के पहले तीन दिनों के भीतर 32 प्रतिशत बढ़ गई है. इस बढ़ोतरी में पिछले महीने खरीदी गई मात्रा शामिल नहीं है. हालांकि खरीद आम तौर पर 1 अप्रैल से शुरू होती है. सरकार ने इस साल की शुरुआत में खरीद शुरू की और परिणामस्वरूप 31 मार्च तक 0.26 मिलियन टन (एमटी) खरीदा.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च से शुरू होने के बाद से 3 अप्रैल तक गेहूं की खरीद 0.59 मिलियन टन थी, जो एक साल पहले 0.35 मिलियन टन से 67 प्रतिशत अधिक थी. यह सरकार के लिए उत्साहजनक है क्योंकि 3 अप्रैल तक आवक 1.29 मिलियन टन थी, जो एक साल पहले के 1.49 मिलियन टन से 13.5 प्रतिशत कम है. इस साल आवक के मुकाबले खरीद का प्रतिशत 46 प्रतिशत है, जो एक साल पहले 24 प्रतिशत था.
किसानों के लिए बोनस का ऐलान
जानकारी के अनुसान, अब तक मध्य प्रदेश से सबसे अधिक गेहूं की खरीद हुई है. यहां, 0.58 मिलियन टन गेहूं खरीदा जा चुका है. जो अब तक की गई कुल खरीद का 98 प्रतिशत है. व्यापारियों का कहना है कि एमपी की मंडियों में न्यूनतम कीमत पिछले 3-4 दिनों में मामूली रूप से बढ़कर 2,150-2,160 रुपये से 2,234 रुपये/क्विंटल हो गई है. राज्य सरकार गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपये/क्विंटल के ऊपर 125 रुपये/क्विंटल का बोनस दे रही है.
वहीं, राजस्थान में भी सरकार ने 125 रुपये/क्विंटल के बोनस का ऐलान किया है. बावजूद इसके यहां अभी तक 0.14 मिलियन टन गेहूं की आवक हुई है. इसमें से 9,703 टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इसी तरह, उत्तर प्रदेश में खरीद केंद्रों पर पहुंचे 38,209 टन गेहूं में से 2,706 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. हालांकि, केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार उत्तर प्रदेश की सभी मंडियों में गेहूं की आवक 0.33 मिलियन टन, राजस्थान में 0.18 मिलियन टन और मध्य प्रदेश में 1.42 मिलियन टन थी.
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दिलचस्प बात यह है कि इस वर्ष (खरीद केंद्रों पर) आगमन के मुकाबले खरीद का प्रतिशत 1-3 अप्रैल के दौरान 73 प्रतिशत था, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 37 प्रतिशत था. सरकार ने पूरे 2023-24 खरीद सीजन में खरीद केंद्रों पर आए गेहूं का 85 प्रतिशत से अधिक खरीदा था.
रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान
बजार विशेषज्ञों की मानें तो अगर मौजूदा प्रवृत्ति जारी रहती है, तो पिछले साल से गेहूं की खरीद में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. जिससे सरकार को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दो साल पहले चावल के साथ कटौती और प्रतिस्थापन के मूल आवंटन को बहाल करने में मदद मिल सकती है. 2023-24 सीजन में केंद्र ने 34.15 मिलियन टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था. जिसमें से सरकार सिर्फ 26.2 मिलियन टन गेहूं ही खरीदा पाई थी. जबकि, 2022-23 में केंद्रीय पूल के लिए 44.4 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले केवल 18.8 मिलियन टन खरीदा गया था.
कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन 112.02 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर होने का अनुमान लगाया है. खाद्य मंत्रालय ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले विपणन वर्ष में 37.29 मिलियन टन होने की संभावित खरीद का अनुमान लगाया है. केंद्र का अनुमान है कि पंजाब से 13 मिलियन टन, हरियाणा और मध्य प्रदेश से 8 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश से 6 मिलियन टन और राजस्थान से 2 मिलियन टन गेहूं खरीदा जाएगा.