गेहूं भारत की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर और नवंबर में की जाती है और मार्च-अप्रैल में कटाई की जाती है. इसी बीच गेहूं को लेकर खबरें आ रही थी कि भारत गेहूं का आयात कर सकता है. मगर इन खबरों को सरकार ने खंडित कर दिया है.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने मीडिया के सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भारत में अपनी आबादी को खिलाने के लिए पहले से ही पर्याप्त गेहूं है और बाहार से आयात की कोई ऐसी योजना नहीं है. आपको बता दें कि रिपोर्टस् में दावा किया गया था कि भारत में देशवासियों को खिलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में गेहूं नहीं है. जिस कारण गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है और यही कारण है कि सरकार गेहूं का आयात कर सकती है.
मौसम से गेहूं की फसल प्रभावित
गेहूं की फसल गर्मी की चपेट में आ गई जिस कारण शुरुआत में ही हीटवेव की वजह से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. सरकार की तरफ से जारी आंकडों की मानें तो अभी तक इस सीजन में गेहूं की फसल की 106.84 मिलियन टन पैदावार दर्ज की गई है. जिसके चलते आशंका जताई जा रही थी कि सरकार गेहूं का आयात कर सकती है.
यह भी पढ़ें : Kisan protest part 2: क्या दिल्ली में फिर से होगा किसान आंदोलन? सीमाओं पर सुरक्षाबल तैनात, जानें ताजा हालात
मई से गेहूं के निर्यात पर बैन जारी
आपको बता दें कि सरकार ने इस साल मई के महिने से गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया हुआ है. सरकार ने यह फैसला रूस-युक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के दौरान लिया था जब बाजार में गेहूं की कीमतों में अचानक उछाल देखने को मिला था.