तेजी से बढ़ती जनसंख्या का यह सिलसिला अगर यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं, जब खेती करने के लिए जमीन ही नहीं बचेगी, जहां नजर जाएगी वहां इंसान ही इंसान नजर आएंगे. लिहाजा, निकट भविष्य की इस समस्या की संजीदगी को ध्यान में रखते हुए इजराइल ने इसका समाधान निकाल लिया है. दरअसल इजराइल ने एक ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जिसकी मदद से जमीन पर नहीं बल्कि दीवारों पर खेती की जा सकती है. अगर य़ह तकनीक यूं ही पल्लवित होती गई तो वो दिन दूर नहीं जब जमीन पर खेती करना गुजरे जमाने की बात हो जाएगी.
दीवारों पर खेती करने की इस तकनीक का नाम वर्टिकल फॉर्मिंग है. इस तकनीक के तहत गेहूं, धान, मक्का समेत फलों व सब्जियों का भी उत्पादन किया जा रहा. कुछ लोग आगामी समस्या की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए इस तकनीक का सहारा ले रहे हैं तो कुछ शौक में भी अपने घर की दीवारों पर फसलों का उत्पादन कर रहे हैं.
आहिस्ता-आहिस्ता विस्तारित हो रही है ये तकनीक
भले ही इस तकनीक की शुरुआत इजराइल ने की हो, लेकिन अब आहिस्ता-आहिस्ता यह तकनीक पूरी दुनिया में विस्तारित हो रही है. इजराइल के इतर चीन, कोरिया, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी वर्टिकल फॉर्मिंग काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस फॉर्मिंग के तहत कुछ ऐसी तकनीक का सहारा लिया जाता है, जिसकी मदद से दीवारों पर खेती को संभव बनाया जा सके.
कैसे उगाई जाती है, दीवारों पर फसलें
अब आपके जेहन में यह सवाल उठा रहा होगा कि आखिर दीवारों पर खेती कैसे की जा रही है? आखिर ऐसी कौन-सी तकनीक का इस्तेमाल करके इसे संभव बनाया जा रहा है. बता दें कि वर्टिकल फॉर्मिंग के तहत पौधे के छोटे-छोटे यूनिट्स लगाए जाते हैं. इनको इस तरह से लगाया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ये गिरे नहीं. इनकों गमलों के हिसाब से लगाया जाता है, जिससे की यह अपनी स्थिति से हिल न सके. अनाज उगाने के लिए इसके बाद कुछ यूनिट्स को दीवारों से निकाल दिया जाता है.
कंप्यूटर से होती है सिंचाई
आपको यह जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है कि वर्टिकल फॉर्मिंग के तहत नलकूपों से नहीं बल्कि कंप्यूटर से फसलों की सिंचाई की जाती है. फसलों की सिंचाई के लिए इजराइली कंपनी नेताफिम द्वारा विकसित सिंचाई संबंधित तकनीक का प्रयोग किया जाता है.