PM Kisan Tractor Yojana: पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने कई स्कीमों की मदद से किसानों को आर्थिक सहायता करने का प्रयास किया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसे कई स्कीमें है, जिनकी सहायत से किसानों की मदद की जा रही है. क्योकि, कृषि भी अब डिजिटलाइज हो गया है, इसलिए किसानों तक सोशल मीडिया के जरिए खेती-बाड़ी से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी पहुंच रही है. इतना ही नहीं, सोशल मीडिया के जरिए ही किसानों और आम लोगों तक विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी पहुंचती है. लेकिन, सोशल मीडिया पर दी गई हर जानकारी और दावा सही नहीं होती. कई बार लोगों को गुमराह करने के लिए भी सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाई जाती हैं. वहीं, इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए ठगी के मामले में भी इजाफा हुआ है. ऐसे में सोशल मीडिया पर दी हर जानकारी पर आंख मूंदकर विश्वास न करें और उस जानकारी को दो से तीन जरूरी चेक करें.
क्या ट्रैक्टर पर सब्सिडी दे रही है सरकार?
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 'पीएम किसान ट्रैक्टर योजना' की शुरुआत की है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है. दावा है कि इस योजना के अंतर्गत, सरकार ट्रैक्टर की खरीद पर सब्सिडी प्रदान कर रही है. अब जिन किसानों तक भी ये खबर पहुंची होगी, उनमें से ज्यादातर किसानों ने इस पर विश्वास जरूर किया होगा. लेकिन, इस दावे का सच क्या है और क्या वास्तव में सरकार ने ऐसी कोई योजना शुरू की है और अगर हां, तो इससे किसानों को कैसे फायदा होगा, आइए जानते हैं.
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पीआईबी ने किया फैक्ट चेक
पीआईबी ने इस योजना का फैक्ट चेक करकै अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी साझा की है. उसमें योजना के बारे में जानकारी दी गई है, जिसके अनुसार केंद्र सरकार ने पीएम किसान ट्रैक्टर योजना नामक किसी भी सब्सिडी स्कीम की शुरुआत नहीं की है. इसलिए सब्सिडी पर ट्रैक्टर देने का दावा करने वाली यह वेबसाइट फर्जी है और इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
भारत में ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि डिजिटलाइजेशन भी तेजी से बढ़ रहा है. इन दिनों, साइबर अपराधियों द्वारा अनेक तरह की फर्जी सरकारी योजनाओं के नाम पर कई लोगों को धोखा देकर उन्हें अपने चालाकी से बैंकिंग फ्रॉड का शिकार बना दिया जाता है। उसके अलावा, योजनाओं के नाम पर लोगों से पैसे भी मांगे जाते हैं. इसलिए, हमें किसी भी सरकारी योजना पर विश्वास करने से पहले सरकारी वेबसाइट पर जाकर उस योजना के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए.