खरपतवार एक प्रकार के पौधों या घास-फूस की तरह होते हैं, जो अनचाहे रूप से किसी फसल के साथ उग आते हैं और फसल को नष्ट कर देते हैं. इसी कड़ी में रबी सीजन में गेहूं, सरसों, चना, मटर, आलू व लहसुन आदि फसलों की खेती होती है,जिनकी मौजूदा वक्त में देखभाल करना जरूरी है.
अगर गेहूं की बात करें, तो गेहूं की फसल में मामा, बथुआ और मकोय जैसे खरपतवार (Weed) उग आते हैं और फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. बता दें कि किसानों को इन फसलों से तभी अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है, जब इन फसलों में खरपतवार (Weed) नियंत्रण किया जाए. ऐसे में खरपतवार के प्रभावी नियंत्रण के लिए खरपतवार की प्रकृति और प्रकार का जाना जरूरी हो जाता है, इसलिए कृषि वैज्ञनिको ने खरपतवार से बचाव के लिए सुझाव दिए हैं.
इन दवाओं का करें छिड़काव (Spray These Medicines)
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, यदि फसलों में खरपतवार होने की सम्भावना दिखाई दे रही है, तो पेनाक्साडान नामक रसायन दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह खरपतवार को कम करने में काफी सहायक है. इसके लिए 20 ग्राम दवा को 150 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें. इसके अलावा एफीनिटी व ट्राइसल्फ्यूरान नामक दवा मकोय सहित चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के लिए प्रभावी है.
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वैज्ञनिकों का कहना है कि खरपतवारनाशी दवाओं में जिंक आदि पोषक तत्वों को मिलाया जाता है. इनका फसल पर जैसे ही छिड़काव होता है, तो खरपतवार के पौधे उसे बेहद तेजी से ग्रहण करते हैं और दवा के प्रभाव से उनकी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. इधर मुख्य फसल के पौध इन्हें बेहद कम ग्रहण करता है और कम दुष्प्रभाव को झेलते हुए खुद को बचा लेता है.