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Updated on: 11 March, 2021 5:07 PM IST
Grain

भले ही कृषि क्षेत्र में हम बहुत आगे होने का दंभ भरते हो. भले ही हमारे देश की कुल 60 फीसद आबादी कृषि क्षेत्र पर निर्भर हो, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इतने अव्वल होने के बावजूद भी हमें कई उत्पादों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता है. कई ऐसे उत्पाद हैं, जिनका उत्पादन हमारे यहां परिपूर्णता से नहीं किया जाता है, जिसके चलते हमें उन उत्पादों को  प्राप्त करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. आइए हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में उन सभी उत्पादों के बारे में बताए चलते हैं, जिसको लेकर हमें दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है.

इन उत्पादों के लिए दूसरे देशों पर रहना पड़ता है निर्भर

बेशक, यकीन करना मुश्किल हो, लेकिन कृषि मंत्रालय के ये आंकड़े इस बात की ओर तस्दीक करते नजर आ रहा हैं कि हमें अपने कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने की दिशा में अभी बहुत मेहनत करने की दरकार है. 48 फीसदी वनस्पति तेल, 10 फीसदी ताजे फल, 7 फीसदी दालें, 6 फीसदी काजू हमें दूसरे देशों से प्राप्त करना पड़ता है. 

आखिर हम क्यों करते हैं हल्दी निर्यात

आपके जेहन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जब हम हल्दी के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक हैं, तो फिर हमें हल्दी का आयात क्यों करना पड़ता है? हमें दूसरे देशों से हल्दी इसलिए आयात करना पड़ जाता है, चूंकि भारतीय हल्दी में करक्यूमीन की मात्रा अधिक होती है, जिसमें से तेल निकाला जाता है. बताया जाता है कि यह तेल दर्द के लिए बहुत कारगर माना जाता है. यह हमें दिल की बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है.  

बता दें कि इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दलहन दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा था कि हम दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता पाने की कोशिश में लगे हुए है. इस ओर हम आगे बढ़ रहे हैं.

हालांकि, हम शुरू से ही कृषि में उत्कृष्ट रहे हैं, लेकिन अभी हम इसे अधिक उत्कृष्ट बनने की दिशा में और काम करना होगा. उन्होंने एक आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाकर हमें 140 लाख टन से बढाकर 240 लाख करना है. अब हम भावी आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में कार्यरत हैं.

English Summary: we have to emport these product form other countries
Published on: 11 March 2021, 05:18 PM IST

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