मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 29 May, 2022 6:03 PM IST
गांव के लोग गंदा पानी पीने को है मजबूर

हमारे देश में सैकड़ों घर आज भी ऐसे मौजूद हैं, जो गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के लोग कई सालों से गंदा पानी पी रहे हैं.

जी हां यह खबर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के लगभग 35 किलोमीटर अंदर करछना तहसील के अंतर्गत ग्राम सभा मेड़ता के ग्रामीण लोग के बारे में है जो गंदा पानी पीकर अपना जीवन जी रहे हैं.

 यहां के लोगों का कहना है कि, जब वह हेडपंप से पानी भरकर लाते हैं, तो पानी कुछ देर बाद खुद ही पीला हो जाता है. जो पीने लायक नहीं होता है. लोगों ने यह भी बताया है इस पानी में कचरा व अन्य कई पदार्थ पानी में मौजूद होते हैं. जिसके चलते गांव के कई लोग बीमारी का भी शिकार हो चुके हैं. जब गंदा पानी आने का सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा, तो गांव के लोगों ने हेडपंप व सबमर्सिबल (headpump and submersible water pumpl) से पानी लेना बंद कर दिया और गांव के कुवे से पानी लाना शुरू कर दिया. 

लोगों का कहना है कि, गांव के पुराने कुएं का पानी हैंडपंप की तुलना में अधिक स्वच्छ है. मिली जानकारी के मुताबिक, गांव में पानी पीने के लिए सिर्फ एक ही कुआं बचा है. जिससे गांव के ज्यादातर लोग पानी लेते है.

सांसदों व नेताओं ने किए झूठे वादे

ग्रामीण लोगों का यह भी कहना है कि, हेडपंप से आ रहे गंदे पानी की शिकायत संबंधित विभाग और स्थानीय नेताओं से कई बार की है. लेकिन आज तक किसी ने भी गांव के लोगों को इस गंदे पानी की समस्या से निजात नहीं दिलाई. जिसके चलते आज भी गांव के कई लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. लोगों का यह भी कहना है कि गंदा पानी का यह सिलसिला कई वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन कोई भी अधिकारी या नेता पानी की जांच करने के लिए नहीं आया है.  

ग्रामीण लोगों का यह भी कहना है कि, चुनाव के समय जब सांसद या नेता आते हैं, तो कहते हैं कि गांव में हम पानी की टंकी लगाएंगे और नई पाइप लाइन लगवायेंगे लेकिन आज तक इनमें से ऐसी कोई सुविधा लोगों को नहीं प्राप्त हुई है.

एक बार फिर जगी उम्मीद

जब इस बात की शिकायत लोगों ने जल विभाग के अधिकारी से की तो, उन्होंने आश्वासन दिया है कि गांव के लोगों को जल्दी ही गंदे पानी से छुटकारा मिलेगा. इस आश्वाशन से लोगों में एक उम्मीद जागी है कि उन्हें अब गांव के इस गंदे पानी से मुक्ति मिलेगी और साथ ही गांव में लगने वाली टंकी की मांग भी अब पूरी हो सकेगी.

English Summary: Villagers are forced to drink dirty water
Published on: 29 May 2022, 06:06 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now