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Updated on: 17 May, 2025 11:52 AM IST
Good News! महिलाओं को मिलेगी 1.5 लाख रुपए सब्सिडी

Uttarakhand cabinet decisions 2025: उत्तराखंड में हर साल लाखों किलो पोल्ट्री मीट और करोड़ों अंडों की खपत होती है, लेकिन इनका अधिकांश हिस्सा बाहरी राज्यों से आयात किया जाता है. इस आयात पर निर्भरता को खत्म करने और राज्य में स्थानीय उत्पादन तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य की नई पोल्ट्री नीति को मंजूरी दे दी गई है.

पोल्ट्री सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा राज्य

कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार, उत्तराखंड में अब 55 बड़े पोल्ट्री फॉर्म खोले जाएंगे. ये फॉर्म 15,000 से 30,000 बर्ड्स की क्षमता वाले होंगे. राज्य सरकार ने पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के हिसाब से सब्सिडी का निर्धारण किया है. पहाड़ी क्षेत्रों में पोल्ट्री फॉर्म खोलने पर 40% तक की सब्सिडी, जबकि मैदानी क्षेत्रों में 30% तक की सब्सिडी दी जाएगी. उत्तराखंड में वर्तमान में केवल 54 करोड़ अंडे और 1 करोड़ किलो चिकन मीट का उत्पादन होता है, जबकि खपत कहीं अधिक है. हर साल प्रदेश को 154 करोड़ अंडे और 4 करोड़ किलो मीट हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से मंगवाने पड़ते हैं. सरकार का मानना है कि नई नीति से राज्य पोल्ट्री क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है. इसके तहत पहले साल में 30 करोड़ रुपये की राशि से 2000 महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. राज्य सरकार महिलाओं को 2 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी. इस कदम से न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे.

पर्यटन विकास को मिलेगा नया आयाम

कैबिनेट बैठक में तपोवन से कुंजापुरी-नरेंद्रनगर तक रोपवे निर्माण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है. यह रोपवे न केवल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि राज्य के पर्यटन राजस्व में भी इजाफा करेगा. परियोजना के लिए पर्यटन विभाग एक टेक्निकल पार्टनर का चयन करेगा, जो तकनीकी विशेषज्ञता के साथ निर्माण कार्य को अंजाम देगा.

बाहरी राज्यों के वाहनों पर सख्ती

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने ग्रीन सेस में 28 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. यह सेस मुख्य रूप से बाहरी राज्यों के कमर्शियल और हैवी वाहनों पर लागू होगा और इसकी वसूली फास्टैग सिस्टम के जरिए की जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे राज्य की सड़कों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा और प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा.

गौ संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

कैबिनेट ने सड़कों पर आवारा घूम रहे 16,000 निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए राज्यभर में नई गौशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. साथ ही, इससे जुड़ी नीति में भी बदलाव किया जाएगा ताकि गौशालाओं का संचालन अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से किया जा सके.

स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी और अन्य 20 प्रस्तावों को भी मंजूरी

राज्य सरकार ने स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी बनाने का भी निर्णय लिया है, जिससे सड़कों पर रहने वाले बच्चों को संरक्षण और पुनर्वास मिल सके. इसके अलावा, कैबिनेट ने लगभग 20 अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है, जो सामाजिक, आर्थिक और अधोसंरचनात्मक विकास से जुड़े हैं.

उपनल कर्मियों को नहीं मिला आश्वासन, बढ़ी नाराजगी

कैबिनेट बैठक में जहां कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, वहीं उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) कर्मियों की उम्मीदों को झटका लगा. कर्मियों को उम्मीद थी कि उनके नियमितीकरण से जुड़ा प्रस्ताव इस बैठक में लाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे वे निराश नजर आए.

English Summary: uttarakhand cabinet approves new 55 poultry farms and women employment scheme read 20 decisions highlighted
Published on: 17 May 2025, 11:58 AM IST

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