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Updated on: 19 September, 2022 5:55 PM IST
पशु शवदाह

अक्सर देखा जाता है कि पशु की मृत्यु के बाद उनके शव सकड़ या जंगलों में पड़े रहते हैं. जिससे आमजन को भी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है. पशु के शवों को नदियों, सड़को में पड़े देखा जा सकता है. जिसके बाद वह सड़ना शुरू हो जाते हैं.

मोक्ष की भूमि कहे जाने वाले काशी में अब इस समस्या का समाधान निकाल लिया है. बता दें कि वाराणसी में पशु शव के लिए पहला शवदाह गृह बनाया जा रहा है. जिसमें मनुष्य की तरह की पशुओं के शव को जलाया जाएगा. खास बात यह कि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है.

वाराणसी चल रहा प्रगति की ओर

वाराणसी यूपी  का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है जहां पर पशु शवदाह गृह बनाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश तेजी से विकास की गाड़ी पकड़ रहा है. इसके साथ ही वाराणसी में भी तेजी के साथ विकास किया जा रहा है, इसकी एक झलक हम काशी विश्वनाथ मंदिर की  देख चुके हैं.

इसके अलावा अभी तक पशुओं के वाराणसी में पशुओं के शव के लिए निपटारे की कोई भी व्यवस्था नहीं थी. जिस वजह से लोग अपने पशुओं के शव को ऐसे ही सड़कों में फेंक देते थे. या फिर चोरी छुपे गंगा में बहा देते थे. जिसके कारण दुर्गंध तो आती है साथ में प्रदूषण भी फैलता है. इसके अलावा आवारा व छुट्टा जानवरों के शव भी यूं ही पड़े रहते हैं.पशु शवदाह गृह के निर्माण के बाद एक दिन में 10 से 12 पशुओं को दाह किया जा सकता है.

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पशुओं के राख से बनेगी खाद

आपको बता दें कि इन शवदाह गृह में पशुओं के दाह के बची हुई राख का इस्तेमाल किसाना खाद के रुप में कर सकते हैं. हालांकि अभी तक अभी तक इसके लिए कोई शुल्क तय नहीं किया गया है. कहा जा सकता है.

 

English Summary: uttar pradesh's first animal crematorium to be built in Varanasi, manure will be made from ashes
Published on: 19 September 2022, 05:59 PM IST

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