भारत देश तेज़ी से अपना रुख़ सौर ऊर्जा की तरफ मोड़ रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई कदम उठाएं जा रहे हैं, जिससे कृषि समुदाय भी इसका फायदा उठा सके. हाल ही में, कैबिनेट मंत्री नितिन गड़करी (Cabinet Minister Nitin Gadkari) ने ग्रीन एनर्जी और हाइड्रोजन एनर्जी (Green Energy and Hydrogen Energy) को लेकर बात की थी, ताकि देश जल्द ही प्रदूषण रहित बन सके.
2024 तक डीज़ल का उपयोग होगा जीरो (Diesel usage will be zero by 2024)
ऐसे में सरकार ने डीजल के उपयोग को ख़त्म (Diesel Usage Ends 2024) करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. जी हां, भारत 2024 तक खेतों में डीजल के उपयोग को शून्य करने और कृषि क्षेत्र (Agriculture Culture) को नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) में बदलने की उम्मीद कर रहा है.
सौर सिंचाई पंप को मिलेगा अधिक बढ़ावा (Solar irrigation pump will get more boost)
फरवरी 2020 में बिजली मंत्रालय ने किसानों को डीजल से चलने वाले सिंचाई पंपों के बजाय सौर ऊर्जा का उपयोग (Use of Solar Energy) करने के लिए प्रोत्साहित किया था. जिसके चलते तब से अब तक ऐसी कई सोलर पंप योजनाएं (Solar Pump Schemes) चल रही हैं, जिससे किसानों को आर्थिक मदद मिल पा रही है. इसके साथ ही राज्य सरकारों ने भी सोलर सिंचाई पंप (Solar Irrigation Pump) को स्थापित करने के लिए सब्सिडी (Subsidy) देना शुरू किया है.
किसानों की बचेगी बिजली और बढ़ेगी आय (Farmers will save electricity and income will increase)
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल रिफाइंड ईंधन खपत (Refined Fuel Consumption) का लगभग दो-पांचवां हिस्सा डीजल का है. कृषि क्षेत्र ईंधन के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है. ऐसे में सौर ऊर्जा को इस्तेमाल करने का यह कदम सबसे कारगर साबित हो सकता है. इससे बिजली की खपत कम तो होगी ही होगी साथ ही किसानों का खर्चा भी बच सकेगा.
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भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि हाल के महीनों में मोटर ईंधन की बिक्री में वृद्धि हुई है, लेकिन गैसोइल (Gasoil) की बिक्री में वृद्धि ने गैसोलीन की मांग को पीछे छोड़ दिया है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि "भारत 2024 तक कृषि क्षेत्र में शून्य डीजल उपयोग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डीजल को नवीकरणीय ऊर्जा से बदल देगा."
भारत में गैसोलीन की बिक्री पूर्व महामारी के स्तर से अधिक हो गई है. जबकि 2021 में डीजल की बिक्री 2019 में खपत से कम थी.