बीते कई सालों से सभी राज्यों की सरकार कृषि को औऱ ज्यादा बढ़ावा देने का काम कर रही हैं, लेकिन अब सरकार का रुख ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) की तरफ और ज्यादा हो गया हैं. सरकार के साथ-साथ किसान भी ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं. ऐसे में इसी सिलसिले में कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
कर्नाटक सरकार देगी ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा (Karnataka government will promote organic farming)
ऑर्गेनिक फार्मिंग, जिसे हम नेचुरल फार्मिंग भी कहते हैं, इसे बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक सरकार ने चार कृषि विश्वविद्यालयों (Agriculture Universities) से जुड़े कृषि विज्ञान केंद्रों में एक हजार एकड़ के साथ ही चार हजार एकड़ में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का बिना इस्तेमाल की फसल उगायेगी. बता दें कि कर्नाटक के ये चार कृषि विश्वविद्यालयों बेंगलुरु, धारवाड़, रायचूर और शिवमोग्गा में स्थित हैं.
ये भी पढ़ें:सफल किसान! खेतों में इन फसलों को लगा कमा रहें ताबड़तोड़ मुनाफा, जानें कैसे
केमिकल मुक्त सब्जियों और फलों की मांग बढ़ी(Demand for chemical free vegetables and fruits increased)
कर्नाटक सरकार द्वारा ये फैसला इसलिए किया गया है कि क्योंकि सरकार प्राकृतिक खेती पर लोगों का ध्यान केंद्रित करवाना चाहती हैं. कर्नाटक सरकार के मुताबिक, ये फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि उनका मानना है कि नेचुरल फार्मिंग मिट्टी की उर्वरता को वापस ला सकती है, जिससे की उत्पादन क्षमता बढ़ सकती है. इसके साथ ही कार्बन सामग्री में भारी कमी आयेगी जो की स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित होगा.
प्री-मॉनसून से पहले किया जायेगा नेचुरल खेती!( Natural farming will be done before pre-monsoon!)
खबरों की मानें, तो कर्नाटक सरकार इस प्री-मानसून (Pre-Monsoon) की शुरुआत में अपने यहां के चार कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर नेचुरल खेती पर काम करेगी. इस दौरान इस बात पर अध्ययन किया जायेगा कि नेचुरल खेती में उपज अच्छी हो रही है या नहीं. सरकार की मंशा है कि अगर इसके बाद उपज अच्छी होती है, तो किसानों को भी ऑर्गेनिक फार्मिंग करने के तौर-तरीके सिखाए जाएंगे.
खेती के दौरान इन चीजों का किया जायेगा इस्तेमाल(These things will be used during farming)
ऑर्गेनिक फार्मिंग के दौरान वैज्ञानिक रासायनिक आधारित उर्वरकों और कीटनाशकों के बजाय वैज्ञानिक फसल उगाने के लिए नीम, हरी पत्तियों, गाय के गोबर और अन्य प्राकृतिक रूप से उपलब्ध वस्तुओं का इस्तेमाल करेंगे.