उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government of Uttar Pradesh) द्वारा कृषि, ग्रामीण उद्योग और शिक्षा समेत कई क्षेत्र के विकास के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है.
इसी बीच यूपी सरकार ने मदरसों (UP Madarsa Syllabus) की पढ़ाई को लेकर एक अहम फैसला लिया है, ताकि मदरसों की पढ़ाई को आधुनिक बनाना जा सके. आइए आपको बताते हैं कि मदरसों को लेकर यूपी सरकार ने क्या फैसला लिया है.
मदरसा शिक्षा से जुड़ा फैसला
आपको बता दें कि यूपी सरकार ने मदरसा शिक्षा परिषद (UP Madarsa Syllabus) में इतिहास, नागरिक शास्त्र, गणित और विज्ञान की पढ़ाई अनिवार्य कर दी है. यानि अब मदरसों (UP Madarsa Syllabus) में कक्षा 1 से 12 तक की सभी कक्षाओं में इन विषयों को पढ़ना जरूरी है. बता दें कि इस नियम को अगले शैक्षणिक से लागू कर दिया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक मदरसों (UP Madarsa Syllabus) में उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी विषय पढ़ाना अनिवार्य था, लेकिन अब नए विषयों को शामिल कर दिया है. इसके बाद कुल 7 विषय अनिवार्य हो जाएंगे. अगर मदरसा बोर्ड सीबीएसई के सिलेबस की मानें, तो एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी.
ऑनलाइन होगा काम
अब मदरसा बोर्ड का कामकाज पारदर्शी हो जाएगा, क्योंकि इसका कामकाज आधुनिक होने वाला है. इस बोर्ड के तहत सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे. इसके लिए एक आईटी सेल का गठन किया जाएगा. इतना ही नहीं, मदरसा बोर्ड के पुराने रिकॉर्ड को डिजिटाइज्ड करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. लिहाजा, इस तरह मदरसों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को किसी काम के लिए मदरसा बोर्ड के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. उन्हें कई सुविधाएं ऑनलाइन ही मिल जाएंगी. बताया जा रहा है कि भविष्य में ई-ऑफिस भी शुरू किया जाएगा.
जानकारी के लिए बता दें कि नवगठित उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की पहली बैठक हुई. इसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही मदरसा बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत का इतिहास, नागरिक शास्त्र, तहतानिया (प्राइमरी), फौकानिया (जूनियर हाईस्कूल), मुंशी/मौलवी (हाईस्कूल) व आलिम (इंटरमीडिएट) और प्रारंभिक गणित विषय में प्रारंभिक गणित विषय पढ़ाना होगा. बता दें कि अभी तक ये विषय मदरसों वैकल्पिक रूप से मौजूद थे. इसके अलावा बैठक में कामिल (स्नातक) व फाजिल (परास्नातक) की परीक्षाएं 25 से 30 अक्टूबर तक कराने का फैसला लिया गया है.
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वहीं मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि बोर्ड की बैठक में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स करने का फैसला लिया है और नियमित नियुक्ति होने तक तीसरी क्लास के पद आउटसोर्स से भरे जाएंगे. इसके साथ ही बैठक में पासपोर्ट बनवाने के लिए डिग्रियों के सत्यापन के काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए.