Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 31 March, 2023 2:15 PM IST
बरसात से रबी की फसलों में नुकसान

पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.

इग्रेन इंडिया के अनुसार, चने की फसल में लगभग 10% नुकसान देखा गया है, जबकि गेहूं की फसल को लगभग 15-20% का नुकसान हुआ है. हालांकि सरसों की फसल में कोई नुकसान नहीं हुआ है. केडिया कमोडिटी कॉमट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अजय केडिया ने कहा, फसल के नुकसान का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी क्योंकि मौसम ब्यूरो ने आने वाले अगले कुछ दिनों में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि की भी भविष्यवाणी की है.

उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य माने जाते हैं. यहां पर लगभग 50% फसलों की कटाई अभी बाकी है. मौसम ब्यूरो द्वारा खराब मौसम के पूर्वानुमान से खेतों में पहले से ही प्रभावित फसलों को और नुकसान हो सकता है. हालांकि, कृषि मंत्रालय आशावादी है कि इससे उत्पादन बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होगा. मंत्रालय ने फसल के जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए आकलन टीमों को सभी राज्यों को भेज दिया है. यह टीमें अप्रैल के मध्य तक अपनी रिपोर्ट सौपेंगी, तब जाकर रबी फसलों को हुए नुकसान की तस्वीर साफ हो पाएगी.

भारत मौसम विज्ञान विभाग दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि का अनुमान लगाया है. मार्च में बारिश और ओलावृष्टि के कारण कटाई के काम में देरी हुई है, जिसके कारम अनाज की आपूर्ति में कमी हुई है.

कारोबारियों के मुताबिक, इंदौर की मंडियों में आज गेहूं का कारोबार 1,850-2,600 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि चना का भाव 5,250-5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर है. राजस्थान के कोटा में सरसों के बीज की कीमतें 5,725 रुपये प्रति क्विंटल है.

ये भी पढ़ेंः बेमौसम बारिश से हुई फसल नुकसान पर सरकार का ऐलान, सभी किसानों को मिलेगा मुआवजा

भारी बारिश और ओलावृष्टि से सरसों, चना और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों के उत्पादन में कमी होने से देश की मुद्रास्फीति दर भी चिंता का विषय बन जाती है. नई फसलों के आगमन में लगभग 2 सप्ताह की देरी देखी जा रही है और उत्पादन में 8-10% की गिरावट का अनुमान है. मंहगाई को लेकर सरकार पहले से ही इस पर नजर बनाए रखी है.

English Summary: Unseasonal rains can cause heavy damage to rabi crops
Published on: 31 March 2023, 02:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now