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Updated on: 5 June, 2020 4:48 PM IST

कई बार किसान और पशुपालक के पशु खो जाते हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान होता है. मगर अब किसान और पशुपालक की इस समस्या का समाधान निकाला जा चुका है. दरअसल, सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के तहत मेरठ जिले में गाय और भैंसों की टैगिंग का काम शुरू किया गया है. बता दें कि अब पशुओं के कान के पास एक यूनिक नंबर का टैग लगाया जा रहा है. इस तरह पशुओं की पहचान करना बहुत आसानी हो जाएगा. बता दें जिले में अभी तक लगभग 75 हजार से अधिक पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है.

पोर्टल पर हो रहा डाटा अपलोड

केंद्र सरकार द्वारा इनाफ पोर्टल लांच किया गया है. इस पोर्टल पर पशुओं का टैग नंबर डाला जा रहा है, साथ ही पशुपालकों का नाम और घर का पता भी डाला जा रहा है. इस तरह पशुओं की पहचान करना आसान होगा. अगर पशुपालक के पशु खो जाते हैं, तो देश के किसी और हिस्से में पहुंच जाते हैं, तो इस तरह उनके मालिक की पहचान हो पाएगी.

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आपको बता दें कि अभी तक जिले में लगभग 75585 गाय और भैंस की टैगिंग की जा चुकी है. इसमें गाय की संख्या 44319 है और भैंसों की संख्या 31266 है. इसके अलावा इनाफ पोर्टल पर 20741 पशुओं का डाटा अपलोड किया जा चुका है. बता दें कि पशुपालन विभाग ने जिले के लगभग 12 ब्लॉकों के पशु चिकित्साधिकारी को इस काम की जिम्मदारी सौंपी है. सभ पशुपालक को पशुओं की टैगिंग कराना अनिवार्य है. इसके बाद पशुपालकों को कई और योजनाओं का लाभ भी मिल पाएगा.

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English Summary: Unique ID number will identify animals
Published on: 05 June 2020, 04:53 PM IST

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