केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने पूर्वोत्तर भारत के दौरे की शुरुआत मिजोरम से की. दौरे के पहले दिन उन्होंने मिजोरम के इंफाल के थेनजोल स्थित बागवानी महाविद्यालय के दो नवीन भवनों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. ये भवन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते हैं. उद्घाटन किए गए भवनों में प्रशासनिक सह अकादमिक भवन और पारगमन भवन शामिल हैं. हालांकि खराब मौसम के चलते केंद्रीय मंत्री चौहान स्वयं स्थल पर नहीं पहुंच सके, लेकिन उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन भवनों का उद्घाटन किया और छात्रों, किसानों एवं उपस्थित जनों को अपने संबोधन द्वारा शुभकामनाएं दीं.
खराब मौसम बना बाधा, लेकिन जोश रहा बरकरार
केंद्रीय मंत्री चौहान ने उद्घाटन समारोह में वर्चुअली जुड़ते हुए खेद जताया कि वे मौसम के कारण हेलीकॉप्टर द्वारा थेनजोल नहीं पहुंच सके. उन्होंने कहा, "मैं आज मिजोरम के थेनजोल आने वाला था लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचना संभव नहीं हो सका. इसके लिए मैं आपसे माफी चाहता हूं."
पूर्वोत्तर भारत को विकसित करने का प्रधानमंत्री का संकल्प
मंत्री चौहान ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए चल रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, "पूर्वोत्तर को आगे बढ़ाना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है. विकसित भारत के लिए विकसित मिजोरम और विकसित मिजोरम के लिए विकसित खेती और समृद्ध किसान जरूरी है." उन्होंने यह भी कहा कि मिजोरम एक अद्भुत प्रदेश है जिसकी फसलें, विशेषकर पैशन फ्रूट, अदरक, हल्दी, गोभी, बैंगन और टमाटर, न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बहुत मांग रखते हैं.
मिजोरम की फसलों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाजार
केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि मिजोरम की विशिष्ट कृषि उपज को देश और विदेशों तक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा, "यहां के फूलों की सुगंध पूरी दुनिया को आकर्षित करती है. अब हमारा लक्ष्य है कि इन फसलों को केवल मिजोरम तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि उनकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग करके इन्हें वैश्विक स्तर तक पहुंचाया जाए. इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे." उन्होंने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर भी बल दिया.
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विश्वविद्यालय कुलपति की उपस्थिति
इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह, मुख्यमंत्री पु. लालदुहोमा और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा भी उपस्थित रहे. सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे मिजोरम की कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए एक मील का पत्थर बताया.
किसानों के लिए प्रदर्शनी का आयोजन
कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र और बागवानी विभाग के सहयोग से एक विशेष बागवानी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें 1,500 से अधिक किसानों ने भाग लिया. इस प्रदर्शनी में मिजोरम की नवीनतम बागवानी तकनीकों, फसल विविधता, जैविक खेती और प्रसंस्करण के तरीकों को प्रदर्शित किया गया. किसानों ने यहां पर फसल बीमा, सब्सिडी योजनाओं, और आधुनिक उपकरणों की जानकारी भी प्राप्त की.