केंद्रीय बजट 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं की. इन घोषणाओं का उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाना और किसानों की आय को बढ़ाना है. केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र के लिए 10 बड़े ऐलान किए गए हैं, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी. सरकार का यह प्रयास कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. साथ ही इससे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और भारत की विकास यात्रा में कृषि प्रथम इंजन की भूमिका निभाएगी.
आइए जानते हैं किसानों के लिए किए गए 10 बड़े ऐलान क्या है....
1. बिहार में मखाना बोर्ड का गठन
बिहार में मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए एक नया मखाना बोर्ड गठित किया जाएगा. यह बोर्ड मखाना के उत्पादन, गुणवत्ता, और मार्केटिंग में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाएगा. इसके अलावा, मखाना से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित किसानों को किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के रूप में संगठित किया जाएगा.
- बोर्ड मखाना उत्पादक किसानों को प्रशिक्षण और मदद प्रदान करेगा.
- मखाना बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि मखाना उत्पादक किसान सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें.
- इस पहल से बिहार में मखाना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में सुधार होगा.
2. सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम
केंद्र सरकार ने सब्जियों, फलों और श्रीअन्न (मिलेट्स) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य खानपान की सेहतमंद पसंद के रूप में सब्जियों, फलों और मिलेट्स का उपभोग बढ़ाना है.
- उत्पादन को बढ़ाना और आपूर्ति को प्रभावी बनाना.
- प्रसंस्करण में सुधार और किसानों को आकर्षक कीमतें उपलब्ध कराना.
- कृषि उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों का निर्माण करना.
इस पहल से किसान अधिक लाभ कमा सकेंगे और स्वस्थ खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में भी वृद्धि होगी.
3. उच्च पैदावार वाले बीजों के लिए राष्ट्रीय मिशन
सरकार ने उच्च पैदावार वाले बीजों के उत्पादन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की घोषणा की. इस मिशन का उद्देश्य बीजों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है.
- कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल बीजों का लक्षित विकास किया जाएगा.
- जुलाई 2024 के बाद से वितरित की जा रही बीज की 100 से ज्यादा किस्मों की वाणिज्यिक उपलब्धता में सुधार
- इस मिशन से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार होगा और कृषि क्षेत्र अधिक समृद्ध होगा.
4. मत्स्यपालन क्षेत्र में उन्नति
केंद्र सरकार ने मत्स्यपालन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण योजना का ऐलान किया है. सरकार समुद्री क्षेत्र की अनछुई संभावनाओं का पता लगाने और उसका लाभ उठाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी. विशेष रूप से अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
- सागर से मत्स्य पालन के सतत दोहन के लिए एक योजना बनाई जाएगी.
- इस पहल से मत्स्यपालन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और किसान इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों से आय कमा सकेंगे.
5. कपास उत्पादकता मिशन
भारत के पारंपरिक वस्त्र क्षेत्र में सुधार के लिए कपास उत्पादकता मिशन की शुरुआत की जाएगी. यह मिशन 5 वर्षों के लिए चलेगा और इसके दौरान कपास की खेती की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार होगा.
- कपास की अतिरिक्त लंबाई वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा.
- किसानों को विज्ञापन और प्रौद्योगिकी का हरसंभव समर्थन मिलेगा.
- इस मिशन का उद्देश्य कपास उत्पादक किसानों की आय में सुधार करना और भारतीय वस्त्र उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है.
6. किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण सीमा बढ़ी
केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए ऋण सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की. यह कदम किसानों, मत्स्यपालकों और डेयरी किसानों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है.
- इस योजना के तहत 7.7 करोड़ किसानों, मत्स्यपालकों और डेयरी किसानों को अल्प अवधि के ऋण की सुविधा मिलेगी.
- यह कदम किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और उनकी आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा.
7. दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ का उद्देश्य देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाना और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. मिशन खासतौर पर तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों पर केंद्रित रहेगा, जिससे देश को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
- सरकार ने दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए 6 वर्षीय 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' शुरू किया है.
- इस मिशन में तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
- केंद्रीय एजेंसियां अगले 4 वर्षों में किसानों से इन दालों की अधिकतम खरीद करेंगी.
- जलवायु अनुकूल बीजों, उत्पादकता बढ़ाने, भंडारण सुविधाओं और किसानों को बेहतर कीमत दिलाने पर जोर दिया जाएगा.
8. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
पीएम कृषि धन्य धान्य योजना/PM Dhan Dhanya Krishi Yojana के बारे बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य फसल विविधीकरण, टिकाऊ खेती के तरीकों, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं को बेहतर करना और दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण दोनों तक किसानों की पहुंच को सुविधाजनक बनाना है.
- यह योजना 100 जिलों में लागू की जाएगी, जहां कृषि उत्पादकता कम है और सिंचाई सुविधाएं सीमित हैं.
- इसके तहत फसल विविधिकरण, सतत कृषि पद्धतियों और भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा.
- सिंचाई सुविधाओं और ऋण उपलब्धता में सुधार किया जाएगा.
9. असम के नामरूप में यूरिया प्लांट
सरकार ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना की घोषणा की है. यह प्लांट देश में यूरिया उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने में मदद करेगा.
- पूर्वी क्षेत्र में बंद पड़े तीन यूरिया संयंत्रों को पुनः खोला गया है, जिससे यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
- यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत किसानों को समर्थन देने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है.
- इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मिलेगा, जिससे उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार होगा.
10. ग्रामीण समृद्धि और अनुकूलन कार्यक्रम
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने ‘ग्रामीण समृद्धि और अनुकूलन कार्यक्रम’ की घोषणा की है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को उनके क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें शहरों की ओर पलायन न करना पड़े.
- ग्रामीण युवाओं और किसानों के लिए नए उद्योगों और रोजगार के अवसर सृजित करना.
- छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना.
- भंडारण और उत्पादकता में सुधार लाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना.
- भूमिहीन परिवारों को विविध अवसर प्रदान करना, जिससे उनकी आय के स्रोत बढ़ सकें.
- इस कार्यक्रम का पहला चरण 100 विकासशील कृषि जिलों में लागू किया जाएगा, जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाएंगी.
बजट में किसानों को मिला लाभ
इन योजनाओं से किसानों को बेहतर ऋण सुविधाएं, उन्नत बीज, भंडारण सुविधाएं और उचित कीमत मिलने की उम्मीद है. सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र को मजबूत करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है. इन घोषणाओं को किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों ने सराहा है. उनका कहना है कि यह कदम कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.