केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में अपने मंत्रालय से सम्बद्ध कामकाज को और सरल तथा सुविधाजनक बनाने के लिए दो पोर्टल लांच किए. पहला पोर्टल CROP (Comprehensive Registration of Pesticides- कीटनाशकों का व्यापक पंजीकरण) के नाम से है, जो फसल सुरक्षा सामग्री के पंजीकरण संबंधित प्रक्रिया को गति व पारदर्शिता प्रदान करता है. दूसरा पोर्टल हैं PQMS (Plant Quarantine Management System- वनस्पति संगरोध प्रबंधन प्रणाली), जो कृषि उत्पादों के निर्यात व आयात संबंधी दस्तावेजों को जारी करने में मुख्य भूमिका निभाता है. इस अवसर पर तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास तथा इस सेक्टर की मजबूती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार प्रतिबद्ध है और रहेगी.
मानवीय हस्तक्षेप के पूरा किया जा सकेगा : तोमर (Can be accomplished with human intervention: Tomar)
मुख्य अतिथि तोमर ने कहा कि नए पोर्टल में निर्यातकों द्वारा आवेदन से लेकर स्वच्छता प्रमाण-पत्र जारी करने तक की प्रक्रियाओं को बिना मानवीय हस्तक्षेप के पूरा किया जा सकेगा, जो समयबद्धता, पारदर्शिता, सुगम कारोबार की सरल नीति की सरकारी कार्यनीति के अनुरूप है. इस पोर्टल से फल-सब्जियां, अनाज आदि के उत्पादकों व संबंधित उद्योगों को अपने उत्पाद निर्यात करने में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्राप्त होगी. इसके अलावा आयातित पौध सामग्री का पारदर्शिता और सुगमता से, समयबद्ध तरीके से निर्गत प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है. इसी प्रकार कीटनाशी अधिनियम से संबंधित पोर्टल में पुराने क्रॉप परिचालन की समस्याओं को देखते हुए संशोधन किए गए हैं. नए क्रॉप परिचालन द्वारा फसल सुरक्षा सामग्री के सुगम पंजीकरण हेतु प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए, आवेदन से लेकर उन्हें जारी करने तक पारदर्शिता, सुगमता व समयबद्धता के साथ विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन जांच के बाद शीघ्रातिशीघ्र जारी किए जाएंगे. इस नई प्रणाली के माध्यम से आवेदकों को ई-भुगतान करना, दस्तावेज उपलब्ध कराना व नवीनीकरण करना, बिना मानवीय हस्तक्षेप के संभव हो सकेगा तथा विभिन्न स्तरों पर किए जाने वाले इन कार्यों की सूचना आवेदक को समय-समय पर स्वत: प्राप्त होगी . इससे हमारे किसानों को फसल सुरक्षा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
खाद्यान्न की दृष्टि से देश आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि अतिशेष है (The country is not only self-sufficient from the point of view of food, but it is also surplus)
तोमर ने कहा कि कुछ राज्यों में टिड्डी दलों के हमले के समय प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों के अनुरूप कृषि मंत्रालय ने संबंधित मंत्रालयों से अनुमतियां लेकर टिड्डियों पर नियंत्रण पाया था, तब ड्रोन का भी उपयोग किया गया था, तत्समय प्रधानमंत्री ने विस्तृत ड्रोन पालिसी बनाने को कहा, जिसके बाद कृषि मंत्रालय ने इसकी गाइड लाइन बनाकर भी जारी कर दी है और अब खेती में ड्रोन के व्यापक उपयोग के प्रयत्न हो रहे हैं, ताकि किसानों को सुविधा-सरलता हो.
तोमर ने कहा कि खाद्यान्न की दृष्टि से हमारा देश आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि अतिशेष है, जिसमें हमारे किसान भाइयों-बहनों का अथक परिश्रम, वैज्ञानिकों की कुशलता तथा केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों का योगदान है. कोविड के संकटकाल के दौरान भी कृषि क्षेत्र में पूरी तरह से कामकाज सुचारू चलता रहा, सरकार ने भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने में कोई कमी नहीं आने दी और हमारा कृषि क्षेत्र अपना सीना ताने खड़ा रहा. इस क्षेत्र को हम अपनी नीतियों, अनुसंधान, गुणवत्ता, प्रोत्साहन, पारदर्शिता, ईज आफ डूइंग बिजनेस से जितना मजबूत करेंगे, उतना ही हमारा देश ताकतवर होगा.
किसानों की सुविधाओं के लिए दो पोर्टल लांच किए (Launched two portals for the facilities of farmers)
राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी सुविधाओं को सरल एवं सहज बनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नई तकनीक को अपनाने पर बल दे रहे है, जिससे कृषि क्षेत्र का समग्र विकास संभव होगा. आज जो दोनों पोर्टल लांच किए गए है, इससे किसानों एवं संबंधित उद्यमियों को लाभ मिलेगा. कृषि सचिव मनोज अहूजा ने कहा कि भारत सरकार की नीति पारदर्शिता की है, जिसके अनुरूप ही विभाग अपना काम संपादित कर रहा है. संचालन संयुक्त सचिव प्रमोद कुमार मेहरदा ने किया. संयुक्त सचिव शोमिता बिश्वास ने आभार माना.
कार्यक्रम में सेंटर फार गुड गवर्नेंस के महानिदेशक राजेंद्र निमजे, मंत्रालय व आईसीएआर के अधिकारी-वैज्ञानिक, विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यों के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, फसल सुरक्षा सामग्री के उत्पादन से जुड़े हुए उद्यमी एवं कृषि उत्पादों के निर्यातक व आयातक तथा किसानबंधु भी उपस्थित थे.