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Updated on: 1 December, 2020 3:37 PM IST

देशभर में कई किसान बिजली संकट से जूझ रहे हैं. इस कारण वह अपने खेतों की सिंचाई सही तरीके से नहीं कर पाते हैं. ऐसे में मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना लागू की गई है. इस योजना की मदद से सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल/बिजली के पंप को सोलर ऊर्जा से चलाया जाता है. पीएम कुसुम योजना (PM-Kusum Scheme) के तहत अब राज्य एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund)  द्वारा रियायती ब्याज दर पर लोन प्राप्त किया जा सकता है. बता दें कि इस योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य यह होगा कि सिंचाई में डीजल के उपयोग को कम किया जाए, साथ ही कृषि क्षेत्र में सौर प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाए. इस फंड की मदद से कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के मुताबिक...

नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय योजना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में 34,422 करोड़ रुपए दिया जाएगा. इसके साथ ही बाकी राशि के लिए राज्य नाबार्ड से सस्ती ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं. बता दें कि कुसुम योजना द्वारा किसान अपने खेत में सोलर पंप और पंप लगाकर सिंचाई कर सकते हैं. इस योजना का लक्ष्य यह है कि देशभर में सभी बिजली व डीजल से चलाए जाने वाले पंप को सोलर उर्जा से चलाया जाए.

कुसुम योजना का उद्देश्य

आपको बता दें कि कृषि और सिंचाई के लिए लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपए की राशि दी जानी है. इसका उद्देश्य यह है कि किसानों की बंजर भूमि पर 10 गीगा-वाट (जीडब्ल्यू) के 17.5 लाख सौर संयंत्रों की स्थापना की जाए. इसके अलावा कृषि बिजली फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए, ताकि सिंचाई के लिए सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग हो.

30 प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी

पीएम कुसुम योजना के तहत लगभग 20 लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित कराने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है. इसके लिए केंद्र सरकार 30 प्रतिशत सीएफए प्रदान करती है, जबकि राज्य सरकारें 30 प्रतिशत सब्सिडी देती है. बाकी 40 प्रतिशत किसान द्वारा दिया जाएगा.

यहां इस्तेमाल होगा एग्री इंफ्रा फंड

इस 1 लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड को गांवों में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में इस्तेमाल करेंगे. इसके तहत कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स  लगाने के लिए लोन दिया जाएगा. खास बात यह है कि इस फंड के तहत 10 साल तक वित्तीय सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य यह भी है कि गांवों में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा मिल सके. अंत में बता दें कि सरकार द्वारा एआईएफ के तहत केंद्र द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रुपए तक की क्रेडिट गारंटी देकर परियोजना को सफल बनाया जाएगा.

English Summary: Under PM Kusum Yojana, farmers will get loans at cheaper rates
Published on: 01 December 2020, 03:48 PM IST

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