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Updated on: 14 March, 2024 7:06 PM IST
लुधियाना में दो दिवसीय पशुपालन मेले का उद्घाटन

पंजाब की गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में पशुपालन मेले का आज यानी 14 मार्च 2024 को उद्घाटन किया गया है. इस पशुपालन मेले का उद्घाटन गुरमीत सिंह खुडियां (कृषि और किसान कल्याण, पशुपालन, डेयरी और मछली पालन मंत्री) ने किया है. इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र वर्मा (अध्यक्ष, विश्व पशु चिकित्सा पोल्ट्री एसोसिएशन) विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे है. डॉ गुरशरणजीत सिंह बेदी (निदेशक पशुपालन विभाग), जसवीर सिंह (निदेशक और वार्डन मछली पालन), सुखबीर सिंह जाखड, दुपिंदर सिंह (निदेशक, डेयरी विकास), महेंद्र सिंह सिद्धु ( अध्यक्ष पनसीड), परमवीर सिंह (उपाध्यक्ष लघु, मध्यम उद्यम बोर्ड) , हरि सिंह (सदस्य पशु कल्याण बोर्ड, पंजाब) डीन, निदेशक और अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे थें.

इन महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने डॉ. इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर के साथ विभिन्न स्टालों का दौरा किया है.

खुडियां ने कहा कि पशुधन व्यवसाय से समाज और अर्थव्यवस्था में उनका योगदान लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने किसानों से आगे आकर विश्वविद्यालयों की मदद से अधिक उत्पादन और आय प्राप्त करने की अपील की है. उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रसार सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि वे किसानों को सेवा प्रदान कर रहे हैं.

डॉ इंद्रजीत सिंह ने कहा कि, मेले को 'मवेशियों में स्वदेशी उपचार, कम लागत, अधिक पैदावार' थीम के तहत डिजाइन किया गया है. इसी उद्देश्य के तहत एक विशेष स्टॉल के माध्यम से पशुपालकों को विभिन्न देशी नुक्तों से उपचार के बारे में भी जागरूक किया गया है. उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से पशुपालन पेशा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है.

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साल में दो बार मार्च और सितंबर के महीनों में आयोजित होने वाला यह मेला पशु प्रजनकों, वैज्ञानिकों, विस्तार कार्यकर्ताओं, डेयरी अधिकारियों, पशु पोषण विशेषज्ञों, मत्स्य पालन अधिकारियों,पशु उपचार और तकनीकी उपकरणों में शामिल विभिन्न कंपनियों को एक साझा मंच प्रदान करता है. इस मंच पर नई जानकारी, तकनीक और नीतियां साझा की गई हैं, वहीं विभिन्न अनुभवों पर भी चर्चा की गई है.

मेले के बारे में बताते हुए डॉ. प्रकाश सिंह बराड़ निदेशक पसार शिक्षा ने बताया कि, बड़ी संख्या में लोग बकरी, सुअर और मछली पालन का व्यवसाय अपनाने के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. वह विश्वविद्यालय द्वारा संचालित भविष्य के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक थे. पशुपालन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तकों जैसे डेयरी फार्मिंग, पशु स्वास्थ्य देखभाल और पालन समस्याएं और मासिक पत्रिका 'वैज्ञानिक पशुपालन' की भी सराहना की गई और युवाओं ने इसे बहुत पसंद किया है.

विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में पंफलेट भी वितरित किए गए है. एकीकृत पशुपालन को बढ़ावा देने और किसानों की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए विभिन्न मॉडलों का प्रदर्शन किया गया है. इनके जरिए हमारे पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को भी दिखाया गया. मेले में जगह-जगह देसी टोटके और उपचार से संबंधित बोर्ड लगाकर नई सिफारिशों के बारे में भी जागरूक किया गया है. इस पशुपालन मेले में घर के पिछवाड़े में मुर्गी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए बांस से बना एक मुर्गी शेड भी प्रदर्शित किया गया था. इससे हाशियागत रहने वाले परिवार अपना जीवन स्तर सुधारने के लिए अलग व्यवसाय शुरू कर सकते हैं.

लुधियाना में दो दिवसीय पशुपालन मेला

विश्वविद्यालय के वेटरनरी साइंस कालेज के विभिन्न विभागों द्वारा पशुपालकों के हेतु पशुओं की बीमारियों एवं समस्याओं के बारे में विशेष जानकारी दी गई है. विभागों ने अपने अलग-अलग स्टॉल लगाए और पशुओं की हर उलझन पर प्रकाश डाला है. दूध परीक्षण किट, थन निवारण किट, थन की देखभाल और पिस्सू और किलनी से बचाव की जानकारी भी प्रदर्शित की गई, जिसका पशुपालक उपयोग कर सकते हैं.

विश्वविद्यालय के मत्स्य पालन कॉलेज ने कार्प मछली और सजावटी मछली का प्रदर्शन किया, जबकि उन्होंने खारे पानी की मछली पालन और झींगा पालन के बारे में भी जानकारी प्रदान दी है. उन्हें इस बात की पूरी जानकारी दी गई कि डकवीड और एजोला का उपयोग मछली के चारे और पशु आहार के रूप में कैसे किया जा सकता है. पशु चारा विभाग द्वारा क्षेत्र-आधारित खनिज मिश्रण, बाय-पास फैट और पशु लिक तैयार किया जाता है. इसका किसानों में विशेष आकर्षण था. उन्होंने इसमें रुचि दिखाई और इन वस्तुओं को बड़ी मात्रा में खरीदा है.

डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के डेयरी प्लांट में तैयार की गई विभिन्न प्रकार की मीठी और नमकीन लस्सी, दूध, पनीर, ढोड़ा बर्फी और कई अन्य उत्पादों का प्रदर्शन किया गया और मेले में आए लोगों ने उनका भरपूर आनंद लिया. उन्होंने खरीदारी में रुचि भी दिखाई है. मीट पैटीज़ और अंडे, और उन्हें बनाने की विधियां सीखने में भी रूचि दिखाई है. विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए, कोई भी प्रशिक्षण ले सकता है.

लुधियाना में दो दिवसीय पशुपालन मेला

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, दूध चारा, फार्मास्यूटिकल्स, वैक्सीन फर्मों और दूध प्रसंस्करण मशीनरी कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए थे. विश्वविद्यालय के तत्वावधान में स्थापित संगठनों ने भी अपने स्टॉल लगाकर नए सदस्यों की भर्ती की. विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और छात्रों ने मेले का भरपूर आनंद उठाया. मेले में पशुपालकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जो पशुपालन अपनाने में किसानों की रुचि को दर्शाता है. मेला 15 मार्च को भी जारी रहेगा.

English Summary: Two day animal husbandry fair inaugurated in Ludhiana awareness created through models
Published on: 14 March 2024, 07:13 PM IST

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