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Updated on: 18 June, 2025 11:06 AM IST
ट्रॉपिकल एग्रो ने शुरू किया #SawalKalKaHai अभियान

भारत के फसल संरक्षण और पौध पोषण उद्योग में अग्रणी ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी नवीनतम पहल #सवालकलकाहै के माध्यम से टिकाऊ कृषि और हर थाली में विष-मुक्त भोजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है. #SawalKalKaHai एक राष्ट्रीय अभियान है जिसका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है जो दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है और उपभोक्ताओं को सचेत व जिम्मेदार खाद्य विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करता है.

बात सिर्फ आज की नहीं, हर आने वाले कल की है"—इस केंद्रीय संदेश के साथ यह अभियान मिट्टी की सेहत को संरक्षित रखने, पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और हमारे खाद्य प्रणालियों के भविष्य को सुरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है. यह किसानों और उपभोक्ताओं दोनों से सामूहिक जिम्मेदारी और सहभागिता का आह्वान करता है - यह रेखांकित करते हुए कि स्थायित्व (सस्टेनेबिलिटी)  पूरे खाद्य श्रृंखला में हम सभी की एक साझा जिम्मेदारी है.

जिनेवा पर्यावरण नेटवर्क के अनुसार, कृषि का अस्थायी रूप से विस्तार गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं पैदा कर रहा है, जैसे कि मिट्टी का कटाव, रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जल प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढ़ती आबादी के कारण दुनिया को 2030 तक दो अरब अतिरिक्त लोगों के लिए खाद्य उत्पादन की आवश्यकता होगी. ऐसे परिदृश्य में, उन प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित और सुदृढ़ करना बेहद आवश्यक है, जिन पर वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों की भविष्य निर्भर करती है.

1969 में स्थापित और सौ साल पुराने झावर समूह का हिस्सा, ट्रॉपिकल एग्रो भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली कृषि-इनपुट कंपनियों में से एक विश्वसनीय एवं प्रतिष्ठित संस्थान है. लगभग 200 मिलियन अमरीकी डॉलर के वार्षिक कारोबार के साथ, कंपनी रासायनिक, जैविक (biological) और जैविक/ऑर्गेनिक (organic) समाधानों का एक व्यापक पोर्टफोलियो प्रदान करती है — और इस क्षेत्र में शीर्ष कंपनियों में से एक मानी जाती है.

#सवालकलकाहै अभियान का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि रोज़मर्रा के खाने के विकल्प किस तरह से खेती के तरीकों से जुड़े हुए हैं और टिकाऊ खाद्य प्रणालियों पर देश भर में बातचीत को बढ़ावा देना है. भावनात्मक कहानी और एक आकर्षक “फूड टू फ़ार्म” कथा के माध्यम से, अभियान फ़िल्म भोजन की यात्रा रेखांकित करती है - मिट्टी से प्लेट तक - यह दर्शाती है कि कैसे रेखांकित विकल्प व्यक्तियों, परिवारों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को आकार दे सकते हैं, चाहे वह बच्चे का लंचबॉक्स हो या साझा पारिवारिक भोजन.

दो मिनट की यह फिल्म भारतीय घरों में गूंजने वाले एक परिचित और प्रासंगिक प्रश्न से शुरू होती है — “खाने में क्या है?” यह केवल मेनू का सवाल नहीं, बल्कि एक सोचने पर मजबूर कर देने वाला सवाल है जो एक माँ की यात्रा के माध्यम से सामने आता है. जब वह अपने बच्चे के लिए अस्वास्थ्यकर विकल्पों की जगह अधिक पौष्टिक और टिकाऊ खाद्य विकल्प चुनती है, तो यह कहानी एक व्यक्तिगत निर्णय से शुरू होकर एक व्यापक सामाजिक संदेश तक पहुँचती है.

जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, दृश्य एक खेत में बदल जाता है—जहाँ ट्रॉपिकल एग्रो के टिकाऊ कृषि समाधानों की झलक मिलती है. बीज उपचार से लेकर कटाई के बाद तक की प्रक्रियाओं में कंपनी की नवोन्मेषी तकनीकें किसानों को इस योग्य बनाती हैं कि वे उपभोक्ताओं तक बेहतर, अधिक पौष्टिक और स्वस्थ भोजन पहुँचा सकें.

फिल्म इस केंद्रीय विचार को मजबूती से रेखांकित करती है: आज किए गए चुनाव ही कल के खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा तय करते हैं. "खाने में क्या है?" अब सिर्फ़ एक रोज़ का सवाल नहीं, बल्कि भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक बन जाता है.

यह प्रेरणादायक फिल्म देखें: https://youtu.be/nPK2i8It7l4

ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक वी. के. झावेर ने कहा, "ट्रॉपिकल एग्रो में, हम मानते हैं कि स्थिरता सिर्फ़ एक चर्चा का विषय नहीं है - यह एक ज़िम्मेदारी है." "#सवालकलकाहै अभियान किसानों और शहरी उपभोक्ताओं दोनों के लिए सकारात्मक सोच का हमारा आह्वान है - ताकि वे सचेत विकल्प चुनें जो बेहतर भविष्य सुनिश्चित करें. हम उन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे मिट्टी हमारी खाद्य प्रणालियों और पूरे भारत में किसानों की आजीविका की रक्षा करती हैं. यह एक अभियान से कहीं बढ़कर है - यह एक दीर्घकालिक आंदोलन की शुरुआत है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा."

जनरल मैनेजर - ब्रांडिंग और संचार ‘चंद्रिका रोड्रिग्स’ ने कहा: "हम जो कुछ भी करते हैं, उसके मूल में स्थिरता है. #सवालकलकाहै के साथ, हमारा लक्ष्य ग्रामीण खेतों और शहरी उपभोक्ताओं की थाली तक पहुँचने वाली चीज़ों के बीच की खाई को पाटना है. जागरूकता और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देकर, हम स्वस्थ, अधिक लचीले खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक आंदोलन का पोषण कर रहे हैं”.

जय जवान जैविक किसान और जियो और जीने दो जैसी पिछली पहलों की सफलता पर आधारित, यह अभियान खेती के तरीकों और खाद्य उपभोग दोनों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर जोर देता है. आज ज़िम्मेदारी भरे फ़ैसले लेकर, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध कृषि भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं.

English Summary: tropical agro launches sawalkalkahai campaign to promote sustainable farming and healthy food in every plate
Published on: 18 June 2025, 11:13 AM IST

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