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Updated on: 30 November, 2023 1:51 PM IST
एरोमैटिक फसलों की खेती पर मिलेगी ट्रेनिंग (Image Source: Pinterest)

हमारे देश के किसानों के द्वारा कई तरह की फसलों की खेती की जाती हैं. ताकि वह कम समय में अपनी फसल से अधिक से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें. देखा जाए तो किसान कम खर्च में होने वाले वाली फसलों की तरफ बहुत ही तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इसी क्रम में केंद्र सरकार के द्वारा भी किसानों की मदद के लिए एक मिशन शुरू किया गया है जिसका नाम एरोमा मिशन है. सरकार के इस मिशन के तहत सुगंधित फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. एरोमा मिशन के तहत देश के किसानों को सुगंधित फसलों की खेती के लिए ट्रेनिंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएंगी. यह ट्रेनिंग सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध अनुसंधान संस्थान (CIMAP) के द्वारा किसानों को उपलब्ध होगी.

बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से एरोमा मिशन के तहत देश के किसानों को लेमन ग्रास, खस, मिंट, जिरेनियम, अव्श्रगंधा और अन्य कई तरह की एरोमैटिक फसलों की खेती के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. ऐसे में आइए इन फसलों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

टॉप पांच एरोमैटिक फसलें/ Top Five Aromatic Crops

लेमन ग्रास -  इसका इस्तेमाल सबसे अधिक परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर ऑयल, मच्छर लोशन, सिरदर्द की दवा आदि कई तरह की उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है. किसान लेमन ग्रास की खेती को साल में कभी भी कर सकते हैं.

जिरेनियम - जिरेनियम के पौधे से औषधीय दवाएं और साबुन, इत्र और सौंदर्य के प्रॉडक्ट बनाने में किया जाता है. देखा जाए तो भारत में कुछ ही सालों से जिरेनियम की खेती की जा रही है. इसे पहले यह खेती विदेशी में की जाती थी. जिरेनियम की खेती कम पानी में अच्छा उत्पादन देती है.

मेंथा - इस खेती को देश के किसान के बीच में कई तरह के नामों से जाना जाता है. इन्हीं नाम में सबसे अधिक लोकप्रिय मिंट और मेंथा है. इसका इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और अन्य कई तरह के उत्पादों को तैयार किया जाता है. देखा जाए तो भारत मेंथा तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.

खस - यह एक ऐसी खेती है, जिससे किसान कम लागत में हर एक तरह से मुनाफा पा सकता है. कहने का मतलब है कि किसान खस के फूल, जड़ और पत्तियों से भी बाजार में अच्छी कमाई कर सकते हैं. क्योंकि इसका उपयोग महंगे इत्र, सुगंधित पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधनों तथा दवाइयों को बनाने में सबसे अधिक किया जाता है.

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अश्वगंधा - यह एक औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल सबसे अधिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता है. इसका खासतौर पर इस्तेमाल आयुर्वेद और यूनानी दवाओं में होता है.

English Summary: top five aromatic cultivation crops will get training on farmers through CSIR-central medicinal and aroma research institute government started Aroma Mission
Published on: 30 November 2023, 02:01 PM IST

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