GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल खुशखबरी: ढेंचा उगाने पर राज्य सरकार देगी 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि, जानें कैसे उठाएं योजना का लाभ छत या बालकनी में करें ग्रो बैग से खेती, कम लागत में मिलेगा अधिक मुनाफा, जानें पूरी विधि किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 22 February, 2023 6:00 AM IST
लाल चंदन की खेती

Tamil Nadu:तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने फॉरेस्ट कॉलेज एंड रिसर्च में अत्यधिक लाभकारी लाल सैंडर्स के पौधे तैयार किए हैं. यह राज्य के विशेष कृषि बजट में परिकल्पित बंजर और शुष्क भूमि में खेती को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

टीएनएयू की कुलपति वी. गीतालक्ष्मी ने कहा कि तमिलनाडु अपने वन क्षेत्र को मौजूदा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. इसमें लाल चंदन उगाने से किसानों को बाजार में लकड़ी की बिक्री से अच्छा रिटर्न भी मिलेगा. सरकार द्वारा निजी भूमि पर पेड़ उगाने के लिए भी लोगों को प्रशस्त किया जा रहा है.

कुलपति ने कहा कि एक बड़े पेड़ से लकड़ी की कटाई के लिए किसान को 18 साल तक इंतजार करना होता है, लेकिन हर एक पेड़ से 100 किलोग्राम लकड़ी प्राप्त होगी, जिसे एक अच्छा मुनाफा होगा. आप एक एकड़ के खेत में 3x3 मीटर की दूरी के साथ 444 पेड़ उगा सकते हैं.

एफसीआरआई ने पहली बार सिल्वीकल्चर की अवधारणा पेश की है. इस तकनीक में चंदवा, तना और जड़ इंजीनियरिंग प्रणाली शामिल है, जिससे कम और लंबे रोटेशन वाले वृक्ष प्रजातियों की अधिकतम उपज प्राप्त की जा सके. यह प्रणाली व्यावसायिक वृक्ष पालन मॉडल के अनुकूल है और इसे तेजी से बढ़ने वाली वृक्ष प्रजातियों के लिए तैयार किया गया है.

ये भी पढ़ेंः लाखों नहीं 'करोड़ो' का मुनाफा देती है लाल चंदन की खेती, जानें कैसे उगाते हैं इस दुर्लभ पेड़ को

संरक्षण वन संवर्धन कृषि भूमि में दुर्लभ, लुप्तप्राय और संकटग्रस्त वृक्ष प्रजातियों की खेती को बढ़ावा देता है. वैज्ञानिक बताते हैं कि गुणवत्तापूर्ण पौध रोपण, ड्रिप सिंचाई और जड़ प्रबंधन के तरीके लाल चंदन के विकास को एक पूर्ण संरचना देते हैं.

English Summary: TNAU develops red sanders saplings for cultivation on farmland
Published on: 21 February 2023, 06:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now