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Updated on: 29 December, 2021 3:12 AM IST
Tissue Culture Laboratory

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने  हैदराबाद में कान्हा शांततवनम का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने हार्टफुलनेस वक्षृ संरक्षण केंद्र द्वारा देशभर में लुप्तप्रायः पेड़-पौधों की प्रजातियों के प्रसार में मदद के लिए स्थापित टिशुकल्चर लेबोरेट्री का शुभारंभ किया.

तोमर का क्या है कहना (What Tomar Says)

तोमर ने कहा कि अध्यात्म के साथ साथ कर्म की महत्ता  अधिक है और इसलिए जब अध्यात्म और कर्म दोनों मिलते हैं, तो निशिचित रूप से बड़ी सजृनात्मक  शक्ति  बन जाती  है. उन्होंने आगे कहा कि लोगों को रोजगार मिले, किसान उन्नत खेती की ओर अग्रसर हो सकें और विलुप्तता की ओर बढ़ रही हमारी पौध को न सिर्फ बचाया जा सके, बल्कि और आगे बढ़ाने की दिशा में अग्रसर हो.

गुरुदेव कमलशे परेल (दाजी) ने कहा कि पश्चिम द्वारा यह साबित करने से बहुत पहले कि पौधे जीषवत प्राणी हैं,  वैदिक ज्ञान ने हमेशा पेड़ों को  प्राथमिकता  में रखने की सिफारिश की थी.  कई पेड़ों की न केवल पूजा की जाती है,  बल्कि भारतीय संस्कृत में उनका अध्यात्मिक महत्व भी है.  हमारा परम पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान भी पौधों पर आधारित है और देश के अधिकांश हिस्सों में पेड़ों को  हमेशा सम्मानित प्रजातियों के रूप में उनका हक दिया गया है.

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उदेश्य  (Objectives)

दाजी ने बताया कि हार्टफुलनेस वक्षृ संरक्षण केंद्र का उद्देश्य पौधों के प्रसार के पारम्परिक  तरीकों की चुनौतियों का सामना करते हुए अधिक पौधे प्राप्त करने के लिए  ऊतक संस्कृति प्रौद्योगिकी  के माध्यम से विलुप्त होने के करीब आ चुकी हैं. हार्टफुलनसे वक्षृ संरक्षण केंद्र में 10 हजार क्लीनरूम तकनीक के साथ 5 हजार वर्गफुट की सुविधा और 15 लाख वार्षिक  पौधा उत्पादन क्षमता है. केंद्र द्वारा कम से कम पांच लुप्तप्रायः किस्मों के डेढ़ लाख से ज्यादा  पौधे प्रति वर्ष की दर से तैयार और प्रसारित किये जाते हैं.

 

English Summary: Tissue culture laboratory started at Heartful Lanes Tree Conservation Center to promote plantation
Published on: 29 December 2021, 04:48 PM IST

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