हमारे देश की अधिकतर आबादी खेती किसानी पर निर्भर है. किसानों की फसलों को कभी प्राकृतिक आपदाएं तो कभी कीट रोगों के प्रकोप से भारी नुकसान होता है. किसान इसके बचाव और रोकथाम के लिए कई तरह की कीटनाशक दवाईयों का उपयोग करता है लेकिन उसके बावजूद भी किसानों की फसलों की उत्पादकता कम हो जाती है. लेकिन इस समय से निपटने के लिए सरकार ने रियल टाइम मौसम अपडेट की सुविधा शुरू की है. कर्नाटक कृषि विभाग भी फसलों की सुरक्षा के लिए ऐसे ही एक मॉडल पर काम कर रहा है. जिसके तहत किसान आपदा प्रबंधन केंद्रों के जरिए खेती किसानी के लिए रियल टाइम अपडेट सिस्टम अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराया है, जिसके जरिए किसानों को पहले ही मौसम बेस्ड अलर्ट मिल जाते हैं.
इस सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान मौसम अपडेट मिलते ही प्रबंधन कार्यों को समय पर निपटा लेते हैं जिससे किसानों का नुकसान भी काफी हद तक कम हो जाता है. कर्नाटक की इस तकनीक का फायदा उत्तर प्रदेश के किसानों को देने की योजना बनाई जा रही है. यूपी सरकार उत्तर प्रदेश के किसानों को भी ऐसी ही मौसम आधारित अपडेट मुहैया करवाने की पहल कर रही है.
जानकारी के मुताबिक कर्नाटक की तरह अब यूपी की योगी सरकार भी खेती किसानी प्रबंध कार्यों की जानकारी के साथ-साथ रियल टाइम मौसम अपडेट मॉडल उपलब्ध करवाने पर काम कर रही है. इस मॉडल के जरिए प्राकृतिक आपदाओं जैसे आंधी तूफान बाढ़ सूखा और बारिश समेत कई मौसम की हलचलों सूचनाओं से किसान समय से पहले वाकिफ हो पाएंगे. साथ ही किसानों को समय पर खेतों की सिंचाई, कटाई, खाद उर्वरक और कीटनाशकों के छिड़काव और फसलों की निगरानी के लिए अलर्ट जारी किए जाएंगे. जिससे किसान तय समय पर कृषि कार्यों को पूरा करके फसलों की अधिक उत्पादकता हासिल कर सके.
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अगुवाई वाले दल ने हाल ही में कर्नाटक के आपदा प्रबंधन केंद्र का दौरा किया. जहां मंत्री और उनके दल ने तकनीक और किसान को दी जा रही मौसम आधारित सेवाओं का अवलोकन किया.
जिसके बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस मॉडल को उपयोगी बताया और इसे उत्तर प्रदेश में भी लागू करने के निर्देश जारी किए हैं. इस काम के लिए बेंगलुरु में स्थित कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा केंद्र के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों से भी चर्चा की गई.
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उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कर्नाटक का दौरा करने के बाद कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन केंद्र की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश में भी वैसा ही केंद्र स्थापित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया.