यह वक्त खरीफ फसलों के लिए काफी ज्यादा उपयुक्त है. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में अभी तक 5 इंच से अधिक तक की बारिश हो चुकी है. सभी किसान बारिश के बाद बोवनी में जुट जाएंगे. लेकिन इस बार मक्का, ज्वार आदि फसलों पर फॉल ऑर्मी की आशंका के चलते कृषि विभाग भी ज्यादा चिंतित है.
कृषि विभाग का मैदानी अमला अपने ही कार्य क्षेत्र में भ्रमण करके, फसलों का निरीक्षण करके किसानों को इससे बचने की सलाह दे रहे है. इस जिले में 63 हजार क्षेत्र में मक्का की खेती की बोवानी का लक्ष्य तक किया गया है.
कृषि विभाग इसीलिए चिंता में है क्योंकि फॉल आर्मी वर्म कीट की सबसे पसंदीदा फसल मक्का है. इसका प्रकोप से सारी फसल चौपट हो जाती है. इस कीट पतंगे हवा के बहाव के साथ एक रात में करीब 100 किलोमीटर तक का प्रवास कर सकते है.
झुंड में आकर पूरी फसल करते चौपट (Coming in herds and destroying the entire crop)
फॉल आर्मी वॉल कीट की मादा अपने जीवनकाल में 2 हजार तक अंडे दे देती है. यह कीट झुंड में आक्रमण करके पूरी फसल को कुछ समय में ही नष्ट करने की क्षमता रखता है. इसका जीवनकाल गर्मियों के सीजन में केवल 30 दिनों तक का ही होता है.
बसंत और शरद ऋतु में जीवन काल 60 दिनों का हो जाता है साथ ही यह शीतकाल में बढ़कर 80 से 90 दिनों तक का ही होता है. मौसम के मुताबिक इस कीट की कई पीढ़ियां होती है. व्यसक मादा अपने जीवनकाल में 1500 से 2000 तक ही अंडे देती है.
हल्के पीले रंग की होती इल्ली (light yellow caterpillar)
अंडे से निकली हुई इल्लियां हल्के पीले रंग की होती है, इसके सिर का रंग काला और नारंगी होता है. इल्ली के बढ़ने के साथ इसका रंग हरा, पीला, भूरा, एवं काला हो जाता है. व्यसक इल्ली का रंग हल्के भूरे से गहरा भूरा होता है. एक पूर्ण विकसित इल्ली 30 से 36 मिमी तक लंबी होती है.