Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 15 November, 2019 6:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुगर और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की ताकत पैदा करने के लिए यहां पर मणिपुर का चखाओं प्रजाति का धान तैयार किया गया है. यहां पर जैविक तरीके से मणिपुर के चखाओं प्रजाति का काला धान उगाया जा रहा है. यहां प्रयागराज में एक गांव के प्रगतिशील किसान रवि प्रकाश ने इसकी खेती करने का कार्य शुरू किया है. प्रकाश बताते है कि वह छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित कोंडा गांव में इसकी व्यापक रूप से इसकी खेती की जा रही है.

काफी तेजी से बढ़ेगी फसल

यहां के कृषि विशेषज्ञ डॉ. राजाराम को जैविक खेती में उत्कृष्ट योगदान के लिए अर्थ हीरो और राष्ट्रीय कृषि पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. मणिपुर के काला चावल की विशेषता को जाना है इससे पता चला है कि चावल से न केवल कैंसर और शुगर नियंत्रित होगा, बल्कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त भी है क्योंकि यह एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है. इससे किसानों की आय भी काफी तेजी से बढेगी. अब बिना रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से अपने गांव के खेत में इसका उत्पादन किया जाता है. बाजार में इसकी कीमत 500 रूपये किलो तक है. 120 दिनों के भीतर यह तैयार हो जाता है.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुगर और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की ताकत पैदा करने के लिए यहां पर मणिपुर का चखाओं प्रजाति का धान तैयार किया गया है. यहां पर जैविक तरीके से मणिपुर के चखाओं प्रजाति का काला धान उगाया जा रहा है. यहां प्रयागराज में एक गांव के प्रगतिशील किसान रवि प्रकाश ने इसकी खेती करने का कार्य शुरू किया है. प्रकाश बताते है कि वह छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित कोंडा गांव में इसकी व्यापक रूप से इसकी खेती की जा रही है.

काफी तेजी से बढ़ेगी फसल

यहां के कृषि विशेषज्ञ डॉ. राजाराम को जैविक खेती में उत्कृष्ट योगदान के लिए अर्थ हीरो और राष्ट्रीय कृषि पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. मणिपुर के काला चावल की विशेषता को जाना है इससे पता चला है कि चावल से न केवल कैंसर और शुगर नियंत्रित होगा, बल्कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त भी है क्योंकि यह एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है. इससे किसानों की आय भी काफी तेजी से बढेगी. अब बिना रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से अपने गांव के खेत में इसका उत्पादन किया जाता है. बाजार में इसकी कीमत 500 रूपये किलो तक है. 120 दिनों के भीतर यह तैयार हो जाता है.

English Summary: This variety of Manipuri paddy is very special, will get better production
Published on: 15 November 2019, 06:50 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now