भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को कृषि (Agriculture) ने किस तरह संभाल रखा है ये हम सब देखते आ रहे हैं. शायद इसलिए भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है.
कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बाद जिस तरह के हालात पूरे देशभर में पैदा हुए, उसे देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि कही देशभर में भुखमरी जैसे हालात ना हो जाएं.कई लोग रोजगार ना रहने के वजह से अपने घरों की ओर वापस आ गए. इस दौरान कई युवाओं ने खेती को अपने रोजगार का जरिया बना लिया.
आपको बता दें कि एक समय वो भी था जब किसान खेती को सिर्फ अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए किया करते थे. मगर बदलते समय के साथ ये भी बदल गया है. आज युवा इस क्षेत्र में खुद को आजमाने के लिए उतर रहे हैं. कुछ ने ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा दिया और उसी में अपना करियर बना लिया (Career In Agricultural Engineering).
अगर आप में से भी कोई कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है, तो एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग का कोर्स (Agricultural Engineering Course) कर सकते हैं. बेरोज़गारी के इस दौर में रोजगार मिलना एक बड़ी बात हो गयी है. ऐसे में एग्रीकल्चर फील्ड की अगर बात करें, तो आज भी संभवनाएं काफी अधिक है.
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में करीब 10.07 करोड़ परिवार आज भी खेती पर निर्भर हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं. अगर आप भी चाहें, तो एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग का कोर्स (Agricultural Engineering Course) करके करियर बना सकते हैं. तो आइए बताते हैं कि इसके लिए जरूरी योग्यता व कोर्स पूरा करने के बाद कितनी सैलरी मिलेगी.
क्या है एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग करने का लाभ?
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग भी इंजीनियरिंग (Career In Agricultural Engineering) की ही एक ब्रांच है. इसमें कृषि उपकरणों और कृषि क्षेत्र में काम आने वाली मशीनरी के निर्माण, डिजाइन और सुधार से संबंधित कार्य किया जाता है. एग्रीकल्चर इंजीनियर का मुख्य काम कृषि उत्पादन में सुधार करना है ताकि किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकें.
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एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के लिए जरूरी योग्यता
अगर आप एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में बी.टेक कोर्स (Agricultural Engineering Course) करना चाहते हैं, तो 12वीं में साइंस स्ट्रीम के साथ कम से कम 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है. इसमें 4 साल का ग्रेजुएशन कोर्स होता है.
इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स यानी एमटेक या एमई भी किया जा सकता है, जिसकी ड्यूरेशन 2 साल होती है. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में करियर (Career In Agricultural Engineering) बनाने के लिए 10वीं और 12वीं के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा भी किया जा सकता है. ये 3 साल का डिप्लोमा कोर्स होता है.