जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि भारत गेहूं उत्पादन (Wheat Production) में विश्व दूसरे स्थान पर बना हुआ है. पहले स्थान पर अभी चीन ने अपनी जगह बनाई हुई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में गेहूं का जितना उत्पादन होता है उसका कुछ हिस्सा तो हर साल बर्बाद ही हो जाता है. जिसके चलते देश के किसान भाइयों को नुकसान का सामना करना पड़ता है.
किसानों की इस मुश्किल को हल करने के लिए सरकार ने एक नई पहल की शुरू की है. दरअसल, अब से देश में गेहूं की बर्बादी (Wheat Waste) नहीं होगी. क्योंकि भारत सरकार की तरफ से अन्न भंडारण योजना को हाल फिलहाल में मंजूरी दे दी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद से प्रत्येक ब्लॉक में लगभग 2 हजार टन से अधिक गोदामों को बनाया जाएगा.
700 टन अन्न भंडारण से होगी योजना की शुरुआत
मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार के द्वारा शुरू की गई योजना के अनुसार, इसकी शुरुआत करीब 700 टन अन्न भंडारण के साथ की जाएगी. देखा जाए तो देशभर में फिलहाल अनाज भंडारण की क्षमता 1450 लाख टन तक बताई जा रही है जिसे बढ़ाकर 2150 लाख टन करने का सरकार का लक्ष्य है.
कब तक बनेंगे यह अन्न भंडारण
अनुमान है कि सरकार का यह कार्य पूरी तरह से खत्म होने में करीब 5 साल तक का समय लगेगा. इस काम के लिए सरकार की तरफ से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा. बताया जा रहा है कि देश के प्रत्येक ब्लॉक में अनाज को सुरक्षित रखने के लिए अच्छा गोदाम तैयार किया जाएगा.
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इस विषय पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि सरकार की यह योजना सहकारिता क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा अन्न भंडारण कार्यक्रम साबित होगा. इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही देश भी प्रगति की तरफ आगे बढ़ेगा और देश में हो रही गेहूं की बर्बादी पर भी ब्रेक (Brake on wastage of wheat) लगेगा. भारत में भंडारण व्यवस्था में सुधार होने के बाद खाद्यान्न उत्पादन (Food Production) में भी वृद्धि देखने को मिलेगी.