भारत में लगातार बढ़ती महंगाई का असर सिधे आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है. जिसके चलते कई लोगों का जीवन दुश्वार हो गया है. केंद्र सरकार भी महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आए-दिन कुछ न कुछ स्कीम चलाती रहती है. इसी कड़ी में राज्य सरकार भी आगे बढ़ भारत सरकार (Indian government) की मदद करती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को काबू पाने के लिए भारत सरकार ने ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मिली जानकारी के मुताबिक, यह ई-नीलामी मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक हर बुधवार के दिन की जायेगी.
15 फरवरी,2023 यानी कल भारतीय खाद्य निगम ने दूसरी ई-नीलामी की थी, उसमें 1060 से अधिक बोलीकर्ताओं ने हिस्सा लिया और 3.85 एलएमटी गेहूं की बिक्री (sale of wheat) की गई. इस दौरान निगम ने 15.25 एलएमटी गेहूं के भंडारण पेशकश की थी. इस ई-नीलामी में 100 से 499 एमटी की मात्रा की अधिकतम मांग थी. लेकिन इसके बाद 500-1000 एमटी मात्रा की मांग दूसरे नंबर बनी रही और वहीं इसमें तीसरे नंबर पर 50-100 एमटी गेहूं की मांग थी.
ऐसे में देखा जाए तो नीलामी में छोटे स्तर, मंझोले आटा मिल वालों और साथ ही कारोबारियों ने भी भाग लिया. बता दें कि केवल एकमुश्त 3000 एमटी की अधिकतम मात्रा के लिये केवल 5 बोलियां ही प्राप्त हुई थीं. आकड़ों के मुताबिक, नीलामी में एफसीआई ने भार-आधारित औसत दर 2338.01 रुपये/कुंतल जारी की और वहीं दूसरी ई-नीलामी में एफसीआई ने 901 करोड़ रुपये तक अर्जित किये.
गेहूं की कीमत 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम होगी
भारत सरकार ने बिना ई-नीलामी के 03 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया है. जिसमें पहले रियायतों दरों पर गेहूं 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर होगी. इसी तरह आटा भी जनता को एमएसपी की दर से उपलब्ध कराया गया है, जोकि 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं था. लेकिन अब सरकार ने इन दोनों ही दरों में संशोधन कर दिया है, जिसके मुताबिक गेहूं 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम और आटा एमएसपी की दर प्राप्त हो सकता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि गेहूं की कीमत अब 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होगी.
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देशभर में कम होगी आटे की कीमत
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) को उपरोक्त योजना के तहत भारत के आठ राज्यों में लगभग 68,000 एमटी गेहूं उठाने की मंजूरी दी गई है, जिसके मुताबिक, नाफेड को 01 एलएमटी गेहूं का आवंटन और केंद्रीय भंडार को 1.32 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया गया है, ताकि देशभर में बढ़ते आटे की कीमत से राहत मिल सके.