कृषि भवन में गुरुवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में संसदीय कार्यों की तैयारी को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और पुरुषोत्तम रुपाला सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे.
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने की ओर काम कर रही है. यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि तो मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में पहुंचाई है.
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है, दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई. कैलाश चौधरी ने बताया कि स्वामित्व योजना को अब देशभर में लागू किया जाएगा. कृषि क्षेत्र के क्रेडिट टारगेट को 15 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 16 लाख करोड़ रुपये तक किया गया है. ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा और किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया गया. उन्होंने कहा कहा कि अब सभी कमोडिटी पर डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया जाएगा. वित्त वर्ष 2021 में एमएसपी के लिए 75,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. एपीएमसी को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा. देश में 5 बड़े फिशिंग हब बनाए जाएंगे. कैलाश चौधरी ने कहा कि एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है. मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का है.
छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है नए कृषि कानून
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह कर रहे हैं कि नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन से मंडियां व एमएसपी बंद हो जाएगी और किसानों की जमीन चली जाएगी. वहीं हकीकत में नये क़ानून लागू होने के बाद ना तो देश में कोई मण्डी बंद हुई है, ना ही एमएसपी पर रोक लगी है, बल्कि फ़सलों की ख़रीद बढ़ी है. ये क़ानून किसी किसान के लिए बंधन नहीं हैं, बल्कि ये उन्हें विकल्प देते हैं.
पुरानी मण्डियों को इनसे कोई ख़तरा नहीं है. हमने इन मण्डियों को आधुनिक बनाने का संकल्प लिया है. इनके लिए बजट बढ़ाया गया है. इसको लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी संसद में आश्वासन दिया है कि जब तक हमारे छोटे किसानों को उनके नये अधिकार नहीं मिलते, तब तक उनकी आज़ादी अधूरी है. हमारी सरकार ने हर क़दम पर छोटे किसानों की मदद करने का काम किया है. अब हमें किसानों को विकल्प देने ही होंगे.