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Updated on: 4 August, 2022 11:11 AM IST
Dragon Fruit Farming

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के किसानों ने जहां एक तरफ कश्मीर में उगने वाले केसर को अपने नाम किया है, तो वहीं दूसरी ओर गन्ने की खेती के साथ ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की भी खेती कर रहे हैं.

ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming)

मेरठ और हापुड़ के किसानों ने गुजरात से लाए हुए करीब 1600 पौधों की एक एकड़ खेती में रोपाई की है. इनके खेत में 400 पोल खड़े हैं, जिसमें परतो पोल 4 पौधे लगाए गए हैं. वर्तमान समय में इस पर फूल आने लगे हैं और जल्द ही इसमें ड्रैगन फ्रूट का भी उत्पादन होगा.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्यान के उपनिदेशक डॉक्टर विनीत ने कहा कि 1 एकड़ ज़मीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसानों की लमसम 5 लाख रुपए की लागत आती है और सामान्य बाजार में एक ड्रैगन फ्रूट की कीमत 200 से 250 रुपए है. इसका उत्पादन अप्रैल से अक्टूबर के बीच में होता है. इन्होंने आगे कहा कि ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे की लाइफ 15 से 20 साल की होती है. 

ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल (Drip Irrigation Use)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में ड्रिप सिंचाई की तकनीक बहुत ही उपयोगी है. खेती की इस तकनीक से ना सिर्फ जल संरक्षण होता है बल्कि बिजली की खपत में भी गिरावट आती है और किसानों के पैसे बच जाते हैं.

ड्रैगन फ्रूट की खेती से मुनाफा (Dragon Fruit Farming Profit)

उत्तर प्रदेश के यह किसान ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन के बाद इसके फल बेचने के लिए दिल्ली के गाज़ीपुर मंडी और आज़ादपुर मंडी जैसे कई मंडियों में बेचते हैं. इससे इन्हें इसके अच्छे दाम भी मिल जाते हैं और बेचने में भी कोई दिक्कत नहीं आती है.

ख़बरों के मुताबिक, डॉक्टर विनीत ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसान अब तक वंछित थे, जो कि उनके लिए यह एक शुभ संकेत है. सरकार की ओर से कमलम की खेती पर सब्सिडी भी मिलती है, ताकि किसान इसको आसानी से अपना सकें और यह मंडियों में महंगा बिकता है, जिससे किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming)

इसके साथ ही, स्ट्रॉबेरी की खेती पश्चिम उत्तर प्रदेश को अच्छा-ख़ासा मुनाफा दे रही है. यही वजह है कि यहां के उद्यान विभाग ने स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देने के लिए करीब 50 लाख रुपए खर्च कर के हाईटेक नर्सरी खड़ी कर रहा है. विभाग किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती देने के लिए जोरो-शोरों से लगा हुआ है.

ऐसे में इस हाईटेक नर्सरी के जरिए किसानों को टिश्यू कल्चर विधि के माध्यम से स्ट्रॉबेरी के पौधे दिए जाएंगे.

English Summary: The farmers of UP are doing wonders, along with the cultivation of sugarcane, these 2 crops are getting rich
Published on: 04 August 2022, 11:11 AM IST

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