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Updated on: 22 May, 2021 2:34 PM IST
Indian Farmer

यह कुदरत का करिश्मा नहीं तो और क्या है कि एक ओर जहां देशभर के किसान कोरोना काल में त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, तो वहीं पहाड़ के किसानों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. एक ओर जहां किसानों की फसलों की बाजार में कोई पूछ नहीं है. मजबूरन, यह अन्नदाता अब औने-पौने दाम पर अपनी फसलों को बेचने पर मजबूर हो चुके हैं, तो वहीं इस महामारी में भी पहाड़ के किसान मालामाल हो रहे हैं. उनके खजाने का पिटारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में अब आपके जेहन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर यह कमाल कैसे हो रहा है. आखिर ऐसा कौन-सा अद्भत काम कर रहे हैं ये पहाड़ के किसान की वो लगातार मालामाल होते जा रहे हैं. जानने के लिए पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट...!

इसलिए मालामाल हो रहे किसान

यहां हम आपको बताते चले कि कोरोना काल में पहाड़ के किसानों पर कुदरत की कुछ ऐसी मेहरबानी बरसी कि उनके द्वारा उगाए गए फसलों की मांग में क्रांतिकारी वृद्धि आ गई. बाजार में पहाड़ों के किसानों की फसलों की मांग जमकर हो रही है, जिससे यहां के किसान भारी मुनाफा कमा रहे हैं. शिमला की ढली मंडी में मटर, फूलगोभी और फ्रांसबीन रिकॉर्ड तोड़ दामों बिके हैं. 

शुक्रवार को मटर अधिकतम 75 रुपये प्रति किलो, फूलगोभी 16 रुपये प्रति किलो और फ्रांसबीन 63 रूपये प्रति किलो के रिकॉर्ड रेट पर बिकी. वहीं, ढली मंडी में गोभी बेचने आए किसानों ने कहा कि अब तक गोभी के दाम 3 से 8 रूपए किलोग्राम में चल रहे थे. आज गोभी 12 से 15 रूपए किलोग्राम पर बिकी है. मंडी में मटर 75 रूपए किलोग्राम पर बिकी है.

आखिर क्यों बढ़ी पहाड़ में सब्जियों के दाम

दरअसल, मैदानी इलाकों में भारी बारिश की वजह से किसानों की फसलों को बहुत नुकसान हुआ है. ऐसे में पहाड़ी फसलों की डिमांड काफी बढ़ चुकी है, जिससे इनके दामों में भी तेजी आई है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को भारी मुनाफा हो रहा है. ऐसे में जब किसान भाई कोरोना के कहर से बदहाल हो चुके हैं, तो ऐसी स्थिति में पहाड़ के किसान अपनी फसलों से भारी मुनाफा कमा कर जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं.

English Summary: the demand for mountain farming crops are increasing
Published on: 22 May 2021, 02:41 PM IST

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