केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान संसद में देश के विभिन्न संसद सदस्यों के खेती किसानी से जुड़े सवालों के जवाब दिए. तमिलनाडु के डीएमके सांसद सीएम अन्नादुरई एवं धनुष एम कुमार ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से किसानों को उन्नत किस्म एवं उच्च गुणवत्ता के बीज की उपलब्धता को लेकर सवाल पूछा.
इसके जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि फसलों से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन लेने के लिए प्रमाणिक व गुणवत्तापूर्ण बीज का मिलना अत्यंत आवश्यक है. अतः इस बात को ध्यान में रखते हुए तथा किसानों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार द्वारा बीज ग्राम योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को केंद्र सरकार की ओर से उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.
वहीं औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से एआईएमआईएम सांसद सैयद इम्तियाज अली के खाद की उपलब्धता एवं सब्सिडी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि डीएपी के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि होने के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए लगातार डीएपी पर सब्सिडी देने का कार्य किया है.
कैलाश चौधरी ने बताया कि किसानों को राहत देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने डीएपी खाद पर सब्सिडी को 1212 रुपये से बढ़ाकर 1662 रुपए प्रति बोरी कर दिया था, जिसकी वजह से किसानों को अब भी DAP की एक बोरी पहले की ही तरह 1,200 रुपये में ही मिल रही है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
वहीं महाराष्ट्र के बारामती से एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के केंद्र सरकार की ओर से किसानों को दी गई सुविधाओं एवं बागवानी क्षेत्र की किस्मों के विकास के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रयासों और किसानों की मेहनत की वजह से आज देश में बागवानी क्षेत्र का उत्पादन कृषि क्षेत्र के उत्पादन से भी आगे निकल गया है.
‘मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर’ यानी एमआईडीएच योजना के अंतर्गत कृषि मंत्रालय 2014-15 से ही लगातार बागवानी क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को साकार करने को लेकर काम कर रहा है.
कैलाश चौधरी ने बताया कि इस बागवानी मिशन ने खेतों में इस्तेमाल की जाने वाली सर्वोतम प्रणालियों को बढ़ावा दिया है.
इससे उत्पादकता और उत्पादन की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है, इससे न केवल बागवानी क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है बल्कि इसने भूख, अच्छा स्वास्थ्य, गरीबी से मुक्ति और लैंगिक समानता जैसे लक्ष्यों को हासिल करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.