फ्रांस के पेरिस में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी सम्मेलन विवा टेक्नोलॉजी का छठां संस्करण 15 जून से प्रारंभ हो चुका है, जिसका शुभारंभ केंद्रीय संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है.
इस सम्मेलन के लिए भारत सरकार द्वारा देशभर से 50 स्टार्ट अप का चयन किया है, जिनमें एग्री स्टार्ट अप भी प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं. इनमें पुणे से बायोप्राइम एग्रीसाल्युशन्स के साथ ही वसुंधरा जिओटेक्नालॉजी, अम्पल पैक, स्टारगॅझे, रेव्य्, ब्लॅक फ्रॉग आदि को सहभागी होने का मौका मिला है.
पहली बार विवाटेक ने किसी देश को Country of the Year के रूप में सम्मानित करने के लिए चुना है, और इस साल यह देश भारत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की भागीदारी को लेकर कहा है कि, “VivaTech, Viva Technology में भारत का Country of the Year के रूप में स्वागत करते है. भारत डिजिटल व नई प्रौद्योगिकियों से संबंधित सभी मुद्दों पर फ्रांस का लंबे समय से भागीदार रहा है और सभी प्रतिभागी भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र की समृद्धि की खोज करने में सक्षम होंगे.“
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में स्टार्ट अप इंडिया और नीति आयोग के गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हैं. कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सम्मेलन का उदघाटन करते हुए कहा, " असमानता को दूर करने में टेक एक समावेशी भूमिका निभा सकता है. लगभग दो साल तक कोरोना महामारी का दुनिया पर बड़ा असर पड़ा है, लेकिन इस दौरान भी भारत की स्थिति बेहतर रही और अनेक बेहतरीन स्टार्ट अप की इस कठिन समय में शुरूआत हुई है.
इस कठिन समय में जो स्टार्ट अप उभरकर सामने आए हैं, उनमें से कुछ चुनिंदा स्टार्ट अप को हम इस बार यहां विवाटेक में लेकर आए हैं. भारत के ये चुनिंदा स्टार्ट अप को लेकर हमें विश्वास है कि ये भारत का नाम दुनियाभर में रोशन करेंगे."
भारत की ओर से चयनित बायोप्राइम एग्रीसाल्यूशन्स, नीति आयोग द्वारा पंद्रह चयनित स्टार्ट अप में से एक है, जिसकी संस्थापक डॉ. रेणुका करंदीकर को पेरिस में उनके पुरस्कार विजेता एग्री-बायोटेक उत्पादों को विवाटेक सम्मेलन में प्रदर्शित करने का अवसर मिला है.
पुरस्कार विजेता SNIPR (स्मार्ट नैनोमोलेक्यूल्स इंड्यूस्ड फिजियोलॉजिकल रिस्पांस) व बायोनेक्सस तकनीक को विवाटेक सम्मेलन में प्रस्तुत किया जा रहा है. बायोप्राइम की सीईओ डॉ. रेणुका ने कहा, "खाद्य सुरक्षा और पोषण की व्यवस्थाएं भारत में मजबूत होने से सारी दुनिया अनाज, सब्जियों और फलों के लिए भारत की ओर आस लगाता है.
बायोप्राइम की तकनीक सुनिश्चित करेगी कि किसान खुलने वाले निर्यात अवसरों का अधिकतम लाभ उठा सकें." इस टेकनालॉजी को बायरैक, डीबीटी, नीति आयोग तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा (दिल्ली) की ओर से निधिकरण व सहयोग मिला है.
वेंचर सेंटर, तेलंगाना सरकार के रिच, आईएसबी मोहाली के समर्थन के साथ विकसित किया गया हैं. बायोप्राइम स्टार्ट अप की स्थापना में डॉ. रेणुका के साथ ही वैज्ञानिक डॉ. अमित शिंदे व डॉ. शेखर भोसले का योगदान है, जिनका उद्देश्य किसानों का गौरव दिलाने के साथ लाभकारी स्थिति में लाना है.