GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल खुशखबरी: ढेंचा उगाने पर राज्य सरकार देगी 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि, जानें कैसे उठाएं योजना का लाभ छत या बालकनी में करें ग्रो बैग से खेती, कम लागत में मिलेगा अधिक मुनाफा, जानें पूरी विधि किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 April, 2024 6:17 PM IST
स्वीट कॉर्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम क्रियान्वित

भारतीय किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से देश में योजनाएं, अभियान और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में बिहार राज्य के किसानों को फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों में विशेष कार्यक्रमों का क्रियान्वित किया गया है. संजय कुमार अग्रवाल (सचिव, कृषि विभाग, बिहार) ने बताया कि रबी मौसम, 2023-24 में राज्य के विभिन्न जिलों में स्वीट कॉर्न को बढ़ावा देने के लिए आज यानी 15 अप्रैल 2024 को कार्यक्रम क्रियान्वित किया गया है.

स्वीट कॉर्न से किसानों की आय में वद्धि

अग्रवाल ने कहा कि पूर्णिया जिला रबी मौसम में सामान्य मक्का की खेती के लिए पहचाना जाता है. कृषि विभाग द्वारा मक्का की खेती में विविधता लाने के उद्देश्य से तथा किसानों के आय को बढ़ाने के लिए स्वीट कॉर्न की खेती को प्रोत्साहित करने का सफल प्रयास किया गया है. इसके लिए आत्मा योजना के माध्यम से किसानों के साथ संवाद स्थापित किया गया तथा पूर्णिया पूर्व प्रखण्ड के चाँदी पंचायत में ऐसे किसान जो पूर्व में गेहूँ की खेती करते थे, उनके द्वारा 2.5 एकड़ में स्वीट कार्न की खेती की गई है. आत्मा योजना के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण के साथ-साथ बीज उपलब्ध कराया गया है.

ये भी पढ़ें: महंगाई की मार झेलने के लिए हो जाइए तैयार! आनाज के स्टॉक ने बढ़ाई सरकार की चिंता, जानें पूरा मामला

40 हजार प्रति एकड़ खर्च

उन्होंने बताया कि, किसानों को स्वीट कॉन के प्रभेद सुगर-75 बीज उपलब्ध करवाए गए है. अक्टूबर में बोये गये स्वीट कॉर्न 90 दिनों में विपणन के लिए तैयार है. स्वीट कॉर्न की खेती में 1 एकड़ के खेत में कुल लागत 40 हजार रूपये आती है. अग्रवाल ने जानकारी दी, 1 एकड़ में किसानों द्वारा औसतन 20 हजार उत्पादित स्वीट कॉर्न को स्थानिय बाजार में 10 रूपये प्रति भुट्टा की दर से बेचा गया है, जिससे किसानों को 1 लाख 60 हजार रूपये का मुनाफा प्राप्त हुआ.

आत्मा योजना के तहत किया गया प्रोत्साहित

संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि, आत्मा के प्रसार कार्यकर्त्ता तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से किसानों को समय-समय पर स्वीट कॉर्न की खेती से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है. आत्मा योजना से किसानों को बीज के अतिरिक्त आवश्यक उपादान तथा पौधा संरक्षण संबंधी उपादान एवं जानकारी उपलब्ध कराई गई है. स्वीट कॉर्न का पौधा हरा हाने के चलते इसे किसानों द्वारा पशुचारा के रूप में किया गया है. स्वीट कॉर्न 90 से 100 दिन में तैयार हो जाता है, इस तरह किसान एक ही खेत में फसल चक्र में तीन फसल आसानी से लगा सकते हैं.

54.99 लाख रुपये की स्वीकृति

अग्रवाल ने कहा कि किसानों के द्वारा स्वीट कॉर्न की खेती के तरफ उत्साह को देखते हुए विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत बिहार राज्य में स्वीट कॉर्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 54.99 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस योजना के अंतर्गत राज्य में स्वीट कॉर्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए खरीफ मौसम में बीजों का वितरण किया जाएगा.

English Summary: sweet corn cultivation promote special program was launched in bihar
Published on: 15 April 2024, 06:23 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now