इस समय पूरा देश कोरोना वायरस के कहर से त्राहि-त्राहि कर रहा है. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि लचर हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या केंद्र सरकार के लिए चिंता का सबक बन चुकी है. ऐसे में यह केंद्र सरकार के लिए मुश्किल भरा वक्त है. वहीं, कोरोना से त्राहि-त्राहि कर रहे लोगों की व्यथा को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार से सख्त सवाल किए हैं. इसके साथ ही कोरोना की रोकथाम के लिए कोर्ट ने सरकार से राष्ट्रीय प्लान के बारे में भी सवाल पूछे हैं.
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड की रोकथाम के लिए नेशनल प्लान समेत चार अहम मसलों को लेकर भी सवाल पूछे हैं, जो इस समय खासा सुर्खियों मे बने हुए हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उन सवालों से रूबरू होने से पहले आपको हम बताते चले कि वर्तमान में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढती जा रही है. विगत दिनों तो संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख के पार पहुंच चुका था.
क्या थे वो चार सवाल
पहला सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच ऑक्सीजन की समस्या अपने चरम पर पहुंच चुकी है, जिसे लेकर अब कोर्ट ने सरकार से ऑक्सीजन को लेकर कई सवाल पूछे हैं. साथ ही उस योजना को लेकर भी सवाल पूछे हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार से यह भी पूछा गया था कि आखिर सरकार के पास ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए क्या योजना है.
दूसरा सवाल: वहीं, बेकाबू हो चुके कोरोना के कहर के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दवाओं की किल्लत के संदर्भ में भी सवाल पुछे थे. गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते कहर के बीच देश के कई राज्यों में दवाओं की किल्लत हो रही है.
तीसरा सवाल: बता दें कि वर्तमान में वैक्सीन देने की प्रक्रिया को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. मालूम हो कि वैक्सीन को लेकर दो तरह के गुटों का इजाद हो चुका है. एक ऐसा गुट है, जो लगातार इस वैक्सीन की वकालत करता हुआ नजर आ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा गुट जो इस वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं, देश के कई राज्यों में वैक्सीन की समस्याएं भी सामने आ रही है, लेकिन इन समस्याओं को देखते हुए अब विदेशी वैक्सीन के लिए भी भारत के दरवाजे खोल दिए गए हैं.
चौथा सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने चौथा सवाल लॉकडाउन को लेकर पूछा है. कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाने या न लगाने की शक्ति राज्य सरकार पास होनी चाहिए. राज्य सरकारें अपने यहां की मौजूदा स्थिति को देखकर लॉकडाउन लगाने या न लगाने का फैसला ले सकते हैं.