Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 12 March, 2019 2:13 PM IST

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के शिवगढ़ में जैविक कृषि मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में 200 महिला किसान समेत लगभग 1200 किसानों ने हिस्सा लिया. इसका पूरा आयोजन सुमिन्तर आर्गेनिक्स इंडिया द्वारा 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के मौके पर 8 मार्च को आयोजित किया गया. इस मेले में सबसे पहले किसानों का पंजीकरण करवाया गया और साथ ही उन्हें 'कृषि जागरण पत्रिका' का जैविक खेती विशेषांक, बेस्ट डी कंपोस्जर की बोतल और एवं वनस्पति कीटनाशी आदि दिया गया. बेस्ट-डी कंपोजर का मुख्य कल्चर राष्ट्रीय जैविक के केंद्र द्वारा विकसित किया गया . इसका बाहुलीकरण सुमिन्तर इंडिया की स्थानीय टीम ने किया. इस मेले का उद्घाटन कंपनी के कार्यकारी अधिकारी राजीव मित्तल ने सरस्वती पूजन करके किया, किसानों का स्वागत मुरलीधर ने किया.

मेले में हुआ कई उत्पादों का प्रदर्शन

मेले के परिसर में विभिन्न प्रकार की खाद बनाने और स्थानीय वनस्पति, संसाधन में जैविक कीटनाशी को बनाने के पोस्टर एवं सजीव दोनों प्रकार के स्टॉल को प्रदर्शित करने का कार्य किया गया. जिसमें प्रमुख डी कंपोस्टर से खाद को बनाना, जीवामृत, पंचगव्य, मटाकखाद, पंचपत्ती अर्क, दशपर्णी अर्क, दीमक नियंत्रण हेतु पुराने मटके का प्रयोग प्रदर्शन किया गया. किसानों ने बड़ी ही रूचि के साथ स्टॉलों पर जाकर जानकारी को प्राप्त किया. एक स्टॉल पर फसलों के शत्रु एवं कीट मित्रों के फोटों वं जीवित कीटों का प्रदर्शन किया गया जिसकी जानकारी कंपनी कीट के विशेषज्ञ 'महेश उन्हाले' दे रहे थे. विषरहित कीट नियंत्रण एवं कीट की आगमन की जानकारी फैरोमेन ट्रैप को प्रदर्शित किया गया .

जैविक खेती पर हुई चर्चा

इसके पश्चात इस मेले में जैविक खेती पर चर्चा शुरू की गई. इसमें कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक शोध एवं प्रसार के प्रबंधक संजय श्रीवास्तव ने किसानों को जैविक खेती से होने वाले लाभ को बताया. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि किसान कैसे अपने पास उपलब्ध संसाधनों जैसे गोबर-गोमूत्र, फसल के अवशेष, स्थानीय वनस्पति एवं स्वंय से उत्पादित बीज का प्रयोग करके लाभ को कमा सकते है. इन्ही संसाधनों से कैसे विभिन्न प्रकार की खादें एवं वनस्पतिक कीटनाशी को बनाया जा सकता है. इसमें किसी भी तरह से अतिरिक्त खर्चे की आवश्यकता नहीं पड़ती है. यद क्षेत्र आदिवासी बाहुल है, यहां पर पर्याप्त मात्रा में पशुधन है. अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित है. ऐसे में जैविक खेती ही इस क्षेत्र के लिए सर्वोत्तम है. उन्होंने बताया कि यह खेती स्थानीय संसाधन, किसानों , पशुधन सभी के लिए उपयुक्त है.

जैविक खेती क्विज का आयोजन हुआ

इस जैविक किसान मेला में जैविक खेती पर आधारित क्विज प्रश्नोत्तर का आयोजन किया गया जिसमें पंडाल में बैठे सभी किसानों ने भाग लिया है. क्विज से संबंधित प्रश्न कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक शोध एवं प्रसार संजय श्रीवास्तव ने किया. क्विज के सही उत्तर देने वाले 15 किसानों को पुरस्कृत किया गया है.  साथ ही जैविक खेती में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 किसानों को 'सुमिन्तर इंडिया आर्गेनिक्स' की तरफ से स्मृति चिन्हों को प्रदान किया गया. इन स्मृति चिन्हों को किसानों ने कंपनी के सीईओ राजीव मित्तल से प्राप्त किया. इसके अलावा कार्यक्रम में किसानों ने जैविक खेती से होने वाले लाभों तथा रासायनिक खेतों से होने वाले नुकसान को बताने के लिए स्थानीय भाषा में नाटक सुमिन्तर इंडिया की स्थानीय टीम के द्वारा प्रस्तुत किया जाए. अंत में राजीव मित्तल द्वारा किसानों और सभी को धन्यवाद दिया गया.

किसनों ने मेले की तारीफ की

जैविक कृषि के मेले में आए हुए किसानों ने जैविक खेती के मेले की तारीफ की है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यहां पर आकर यह समझा कि बिना खर्च के स्थानीय संसाधनों के जरिए जैविक खेती कैसे संभव है. वह किसान जो पूर्व में सुमिन्त इंडिया से जुड़े हुए है उन्होंने बताया कि गत वर्षों में जैविक खेती करने का तरीका जो कंपनी से सीखा है वह काफी फायदेमंद है. वह कहते है कि किसान इसको अपनाएं. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी आने वाले समय़ में भी किसानों को उनसे जुड़ी समस्या को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है.

English Summary: suminter indiaorganics organized organic farmer farm fair
Published on: 12 March 2019, 02:18 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now