सुमिंटर इंडिया ऑर्गेनिक्स द्वारा चलाए जा रहे जैविक खेती जागरूकता अभियान के अंतर्गत मई माह के अंतिम सप्ताह में गुजरात के जूनागढ़ एवं सुरेंद्रनगर जिले के लगभग 90 -100 किसानों को जैविक कपास उत्पादन हेतु मौसम पूर्व प्रशिक्षण दिया गया। मौसम पूर्व प्रशिक्षण का तात्पर्य फसल की बुवाई से पूर्व किए जाने वाली सारी तैयारियों से है जिसमें किसान अपनी फसल को उगाने के लिए नियोजन करता है एवं उसमें उपयोग किए जाने वाले सभी आदान का प्रबंधन करता है. किसानों को फसल पूर्व प्रशिक्षण कंपनी के सहायक महाप्रबंधक शोध एवं विकास संजय श्रीवास्तव द्वारा दिया गया. श्री श्रीवास्तव ने प्रदर्शन प्रशिक्षण के दौरान किसानों स्वनिर्मित आदान में प्रयोग किए जाने वाले सभी घटक की गुणवत्ता को विस्तार से समझाया साथ में बीज उपचार एवं जमाव परीक्षण की महत्ता पर भी जोर देने पर जोर दिया.
जैविक खेती में स्वनिर्मित आदान की बहुत भूमिका है साथ में बीज भी एक विशेष प्रकार का होता है जैविक कपास उत्पादन में एक बड़ी समस्या है नान - जीएमओ / जीएमओ रहित बीज की है क्योंकि भारत में अधिकांश जगह जीएमओ बीज से ही कपास का उत्पादन होता है. जैविक खेती में नान -जीएमओ बीज की आवश्यकता होती है जो कि एक अपने आप में चुनौतीपूर्ण कार्य है. जैविक कपास उत्पादन में प्रयोग किए जाने वाले जैविक आदान के निर्माण हेतु प्रदर्शन भी दिया गया। बुवाई से पूर्व बीज का जमाव परीक्षण करना एवं जैविक उपचार करना बहुत ही आवश्यक होता है, इसी को ध्यान में रखकर बीज जमाव परीक्षण एवं जैविक उपचार विधि का भी प्रदर्शन किया गया.
प्रशिक्षण के दौरान सर्वप्रथम जैविक खेती क्या है इस प्रशिक्षण का क्या महत्व है आगामी कपास जैविक कपास उत्पादन का नियोजन किस प्रकार करें आदि बातों की चर्चा हुई जो मुख्य रूप से निम्न है- फसल बोने से पूर्व खेत की तैयारी, वेस्ट डी -कम्पोज़र घोल बनाना, स्वनिर्मित आदान का प्रबंधन- जैसे जैविक खाद बनाना – गोबर / कम्पोस्ट खाद बनाना, ताजा गोबर से उत्तम खाद बनाना, घन जीवामृत बनाना. वनस्पति कीटनाशक बनाना जैसे- दशपर्णी सत् बनाना, पांच पत्ती अर्क बनाना, नीम बीज सत् बनाना, नीम पत्ती अर्क बनाना, नीम बीज एकत्रीकरण, fगोमूत्र एकत्रीकरण, छाछ एकत्रीकरण आदि. प्रशिक्षण के दौरान कंपनी के स्थानीय कर्मचारी श्री मनोज सूर्यवंशी, श्री आलोक कुमार, श्रीनिलय एवं श्री जयदीप ने प्रशिक्षण हेतु आवश्यक स्थानीय प्रबंधन का कार्य किया. प्रशिक्षण में आए हुए किसानों ने रुचि जताई एवं आवश्यक प्रश्नों को भी उठाया जिसका उत्तर श्री श्रीवास्तव ने बहुत ही तरीके से दिया और किसान संतुष्ट होकर गए.
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि भविष्य में इस प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन पूरे वर्ष फसल की अवस्था की अवस्था के अनुरूप पूरे सीजन में होता रहेगा. आए हुए किसानों ने इस प्रशिक्षण के आयोजन होने पर कंपनी को धन्यवाद दिया और यह आग्रह किया कि इस प्रकार के प्रशिक्षणआयोजन हमारे लिए बहुत ही लाभकारी हैं अतः बार-बार यह अवसर हमें मिलता रहे.