इस वर्ष देश में चीनी उत्पादन में 10% की गिरावट की उम्मीद है, जिससे चलते गर्मी के मौसम में चीनी और अधिक महंगी होने वाली है. उद्योग निकाय नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ (एनएपसीएसएफ) के मुताबिक भारत का साल 2022-23 का चीनी उत्पादन 325 लाख टन रहने का अनुमान है.
एनएफसीएसएफ ने कहा कि चालू चीनी उत्पादन सीजन के दौरान, भारत ने 31 मार्च तक 298.70 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है. एनएफसीएसएफ ने शुरू में 2022-23 चीनी उत्पादन 357 लाख टन आंका था, जो घटकर 334 लाख टन हो गया है.
सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च के अनुसार, चीनी की घरेलू बाजार में कीमत काफी बढ़ी है और खासकर उत्तर प्रदेश राज्य में इसकी कीमत आसमान छूने लगी है. उत्पादन के आधार पर आने वाले महीनों में इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है क्योंकि गर्मी के मौसम में चीनी की खपत बढ़ जाती है.
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उद्योग को भी आने वाले महीनों में चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है. एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा, "शीतल पेय और आइसक्रीम निर्माताओं वाली कंपनियों में इस साल चीनी की खपत अधिक होगी, क्योंकि आने वाले दिनों में भीषण गर्मी की उम्मीद है.
चीनी उत्पादन घटने का सबसे बड़ा कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे अग्रणी चीनी उत्पादक राज्यों में चीनी के उत्पादन में गिरावट है. यह अनिश्चित मौसम और इथेनॉल के लिए चीनी के उच्च विचलन के कारण हुआ है. इथेनॉल का उपयोग वाहनों को चलाने के लिए पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जाता है. महाराष्ट्र का गन्ना पेराई सीजन अगले 8 से 10 दिनों में खत्म होने वाला है, जो पिछले साल की तुलना में डेढ़ महीने कम है. राज्य का उत्पादन पिछले वर्ष के 137 लाख टन की तुलना में घटकर 105 लाख टन रहने की संभावना जताई गई है.