केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना काल में आम आदमी को महंगाई से राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. दरअसल दालों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने की अपनी निरंतर कोशिशों में भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया है, जिसमें उसने थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों द्वारा दालों के भंडारण पर सीमा तय की है. जोकि तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.
दालों के लिए निर्धारित की गई स्टॉक सीमा
इस आदेश के तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मूंग को छोड़कर सभी दालों के लिए 31 अक्टूबर 2021 तक स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है. थोक विक्रेताओं के लिए ये स्टॉक सीमा 200 मीट्रिक टन (बशर्ते एक किस्म की दाल 100 मीट्रिक टन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए), खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन और मिल मालिकों के लिए ये सीमा उत्पादन के अंतिम 3 महीनों या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो, वो होगी.
आयातकों के लिए ये स्टॉक सीमा 15 मई 2021 से पहले रखे गए/आयात किए गए स्टॉक के लिए किसी थोक व्यापारी के समान ही होगी और 15 मई 2021 के बाद आयात किए गए स्टॉक के लिए थोक विक्रेताओं पर लागू स्टॉक सीमा, सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों के बाद लागू होगी.
स्टॉक की देनी होगी जानकारी
गौरतलब है कि आदेश में ये भी कहा गया है कि अगर संस्थाओं का स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें आदेश की अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के अंदर उपभोक्ता मामलों के विभाग के ऑनलाइन पोर्टल https://fcainfoweb.nic.in/ पर उसकी जानकारी देनी होगी.
प्रमुख दालों का बढ़ा उत्पादन
भारत सरकार द्वारा लगातार किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप, दालों और खाद्य तेलों के मूल्यों में गिरावट का रुख देखा जा रहा है. इसके अलावा, पिछले 6 वर्षों में, प्रमुख दालों का कुल उत्पादन अब तक का सबसे अधिक 255.8 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) 2020-21 में हुआ, जिसमें चना (126.1 एलएमटी) और मूंग दाल (26.4 एलएमटी) ने विशेष रूप से उत्पादन के अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.