केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी शनिवार को एकदिवसीय बिहार राज्य के दौरे पर रहे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रदेश में कृषि मंत्रालय से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. सुबह केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के पटना एअरपोर्ट पहुंचने पर भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सरोज रंजन पटेल के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने इसके बाद पूर्वी चंपारण में कृषि विज्ञान पीपारागोठी परिसर में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पशु सरंक्षण, उद्यान प्रदर्शनी एवं आत्मनिर्भर कृषि महोत्सव-2023 में भाग लिया. इस अवसर पर पद्मश्री ‘किसान चाची’ राजकुमारी देवी, सांसद राधामोहन सिंह, बिहार नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे.
एफपीओ किसान कल्याण की दिशा में क्रांतिकारी कदम
मोतिहारी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक खेती को जन-आंदोलन का स्वरूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2023 में 459 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. 3 साल में प्राकृतिक खेती के लिए 1 करोड़ किसानों को सहायता दी जाएगी, जिसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर्स खोले जाएंगे.
छोटे-मझौले किसानों को एफपीओ के जरिये संगठित करते हुए उन्हें खेती-किसानी से संबंधित सभी सुविधाएं मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 10 हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं. कैलाश चौधरी ने कहा कि ये एफपीओ छोटे-मझौले किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है, जिसका लाभ इन किसानों को मिलने लगा है. आगे भी यही गतिशीलता बनी रहें, इसके लिए नए एफपीओ के गठन के संबंध में 955 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान इस साल किया गया है, वहीं किसानों के लिए हितकारी कृषि इंफ्रा फंड व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.
कृषि एवं किसान कल्याण केंद्र सरकार की प्राथमिकता
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है, जिसके लिए बजट बढ़ाकर 1623 करोड़ रुपए प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता दी जाएगी. युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष स्थापना किया जाएगा,
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जिसके लिए 5 साल हेतु 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. मिलेट्स को अब श्रीअन्न के नाम से जाना जाएगा. श्रीअन्न को लोकप्रिय बनाने के कार्यक्रमों में भारत सबसे आगे है. भारतीय मिलेट्स अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद को उत्कृष्ता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी श्रेष्ठ कार्य कर सकें. उद्यानिकी क्षेत्र के विकास के लिए बजट बढ़ाकर 2,200 करोड़ रुपए किया है.