Mobile Cooling: झारखंड के खूंटी जिले की रहने वाली महिला किसानों की जिंदगी अब बदल रही है. कभी घोर गरीबी में जीने वाली और कम दामों पर अपनी मेहनत की उपज बेचने को मजबूर महिलाएं अब अपने खेतों की फसलों को बेहतर तरीके से संजो कर अच्छी कीमत पर बेच रही हैं. यह बदलाव संभव एक नई पहल — ‘संवर्धन मोबाइल कूलिंग स्टोरेज यूनिट’ — की बदौलत हुआ है.
झारखंड के खूंटी जिले में रहने वाली मध्यम आयु वर्ग की महिला किसान मशरूम, तरबूज, फूलगोभी और पत्तागोभी जैसी मौसमी फसलों की खेती करती हैं, पहले अपनी उपज जल्दी खराब हो जाने के कारण मंडियों में सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर थीं. इस क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं थी, जिससे उन्हें भारी नुकसान होता था.
नई तकनीक से नई उम्मीदें
अब झारखंड की महिला किसानों की समस्या काफी हद तक सुलझ गई है. बीएमएच ट्रांसमोशन और नोबा जीएसआर (Netarhat Old Boys Association - Global Social Responsibility) के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई संवर्धन मोबाइल कूलिंग स्टोरेज यूनिट ने इनके जीवन में बड़ा बदलाव किया है.
इस मोबाइल यूनिट में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, जैसे:
- सोलर पैनल
- गैस अवशोषक तकनीक
- वायु परिसंचरण प्रणाली
- एथिलीन गैस नियंत्रण तंत्र
इन सुविधाओं से फसलें अब जल्दी खराब नहीं होतीं और किसान उन्हें बाजार में बेहतर दाम पर बेच सकते हैं. यह मोबाइल कूल स्टोरेज यूनिट खासतौर से फार्म-गेट जरूरतों के लिए डिज़ाइन की गई है. अब इस पहल को अन्य जिलों में भी विस्तार देने की योजना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा छोटे और सीमांत किसान लाभ उठा सकें.
40% से घटकर 3% हुआ नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तकनीक से फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 40 प्रतिशत से घटाकर महज 3 प्रतिशत तक लाया जा सकता है. साथ ही, उपज की ‘शेल्फ लाइफ’ भी काफी बढ़ गई है.