Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 31 October, 2022 12:15 PM IST
more then 141 people died in Gujarat's Morbi bridge accident

गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को पुल गिरने के बाद लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है. बता दें 25 अक्टूबर को पुल की मरम्मत के बाद पुल को दोबारा खोला गया था और 30 अक्टूबर को रविवार होने के कारण भारी संख्या में लोग पुल देखने आए थे. लेकिन 140 साल पुराना पुल अपने साथ कई जिंदगियों व परिवारों को तबाह कर गया.

143 साल पुराना था मोरबी पुल

मोरबी जिले के कच्छू नदी पर स्थित केबल संस्पेशन पुल लगभग 143 साल पुराना था. पुल गिरने के साथ सैकड़ों लोगों की जान ले गया. बता दें कि सन् 1879 में मोरबी के राजा वाघजी रावजी द्वारा यह पुल बनवाया गया. जिसे ब्रिटिश इंजीनियरों द्वारा बनाया गया था. केबल पुल 765 फुट लंबा तथा 4 फुट चौड़ा था. यही कारण था कि इसे ऐतिहासिक होने के साथ – साथ टूरिज्म की लिस्ट में शामिल किया गया था.

पुल की हालत खराब होने के कारण इसे  2 साल पहले बंद कर दिया गया था. जिसके बाद इस पुल पर 2 करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत का कार्य चला और 25 अक्टूबर यानि की दिवाली के अगले ही दिन इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया.

100 लोगों का वजन सहने की क्षमता

बता दें कि कच्छू नदी के केबल संस्पेशन पुल में 100 लोगों के वजन सहने की क्षमता थी. मगर जब यह हादसा हुआ तो बताया जा रहा है कि लगभग 500 लोग इस पुल पर मौजूद थे. भारी वजन होने के कारण पुल टूट गया और लोग कच्छू नदी में बह गए.

मोरबी हादसे का विडियो

पुल गिरने का पूरा विडियो वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. इस विडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे कुछ ही पलों में पुल गिरता है और सैकड़ों की संख्या में लोग नदी में बह जाते हैं.

बचाव अभियान जारी

कच्छू नदी में पुल टूटने के बाद से ही एनडीआरफ की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है. एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी  ने कहा कि एनडीआरएफ की “5 टीमें राहत बचाव कार्य में तैनात हैं, जिसमें एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, सेना, गरुड़ और कमांडो भी हैं. यह समय की बात है और तलाशी अभियान जल्द खत्म होगा.”

यह भी पढ़ें: Cyclone Sitrang Updates: बंगाल में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ पहुंचा सितरांग, एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट

हादसे में शिकार लोगों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा

केंद्र सरकार द्वारा मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए तथा घायल लोगों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृत लोगों को 4-4 लाख रुपए तथा घायलों को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है.  

English Summary: So far more then 141 people died in Gujarat's Morbi bridge accident, the bridge was opened 4 days ago
Published on: 31 October 2022, 12:22 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now