गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को पुल गिरने के बाद लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है. बता दें 25 अक्टूबर को पुल की मरम्मत के बाद पुल को दोबारा खोला गया था और 30 अक्टूबर को रविवार होने के कारण भारी संख्या में लोग पुल देखने आए थे. लेकिन 140 साल पुराना पुल अपने साथ कई जिंदगियों व परिवारों को तबाह कर गया.
143 साल पुराना था मोरबी पुल
मोरबी जिले के कच्छू नदी पर स्थित केबल संस्पेशन पुल लगभग 143 साल पुराना था. पुल गिरने के साथ सैकड़ों लोगों की जान ले गया. बता दें कि सन् 1879 में मोरबी के राजा वाघजी रावजी द्वारा यह पुल बनवाया गया. जिसे ब्रिटिश इंजीनियरों द्वारा बनाया गया था. केबल पुल 765 फुट लंबा तथा 4 फुट चौड़ा था. यही कारण था कि इसे ऐतिहासिक होने के साथ – साथ टूरिज्म की लिस्ट में शामिल किया गया था.
पुल की हालत खराब होने के कारण इसे 2 साल पहले बंद कर दिया गया था. जिसके बाद इस पुल पर 2 करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत का कार्य चला और 25 अक्टूबर यानि की दिवाली के अगले ही दिन इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया.
100 लोगों का वजन सहने की क्षमता
बता दें कि कच्छू नदी के केबल संस्पेशन पुल में 100 लोगों के वजन सहने की क्षमता थी. मगर जब यह हादसा हुआ तो बताया जा रहा है कि लगभग 500 लोग इस पुल पर मौजूद थे. भारी वजन होने के कारण पुल टूट गया और लोग कच्छू नदी में बह गए.
मोरबी हादसे का विडियो
पुल गिरने का पूरा विडियो वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. इस विडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे कुछ ही पलों में पुल गिरता है और सैकड़ों की संख्या में लोग नदी में बह जाते हैं.
बचाव अभियान जारी
कच्छू नदी में पुल टूटने के बाद से ही एनडीआरफ की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है. एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने कहा कि एनडीआरएफ की “5 टीमें राहत बचाव कार्य में तैनात हैं, जिसमें एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, सेना, गरुड़ और कमांडो भी हैं. यह समय की बात है और तलाशी अभियान जल्द खत्म होगा.”
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हादसे में शिकार लोगों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
केंद्र सरकार द्वारा मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए तथा घायल लोगों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृत लोगों को 4-4 लाख रुपए तथा घायलों को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है.