खेती-बाड़ी करने के लिए किसानों की सबसे ज्यादा निर्भरता बीजों पर होती है. बीजों के बिना किसानों के लिए खेती करना कल्पना करने जैसा है. लेकिन वर्तमान समय में किसानों को ध्यान में रखते हुए बीजों को और बेहतर बनाने के लिए दुनियाभर में कई शोध चल रहे हैं. जिसे लेकर कल 29 सितंबर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र में फेडरेशन ऑफ़ सीड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया के छ्ठवें सालाना सत्र का आयोजन किया गया.
इस सत्र में कई देशों के प्रतिनिधि जैसे- अर्जेंटीना से मारियानो बेहरान, अंतर्राष्ट्रीय बीज संघ से डॉ सियांग ही तान, इंटरनेशनल सीड फेडरेशन से माइकल केलर जैसी कई बड़ी विदेशी हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
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जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस सत्र को दो अलग- अलग सेशन में आयोजित किया गया था और जिसमें एफएसआईआई के चेयर मैन डॉ एम रामास्वामी, आईसीएआर के डारेक्टर जनरल डॉ हिमांशु पाठक, एफएसआईआई के डारेक्टर जनरल राम कुंदनिया, जैसी कई बड़ी हस्तियां उपस्थित रहीं साथ ही डॉ हिमांशु पाठक इस कर्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किए गए थे.इस कार्यक्रम के दूसरे सेशन में कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अश्विनी कुमार के साथ डॉ पी. के. सिंह भी मौजूद रहे.
इन सभी लोगों के अलावा देश व दुनिया की बड़ी बीज कंपनियों के प्रतिनिधि जैसे- इंडो अमेरिकन के चेयरमैन और एमडी संतोष अत्तवार, एसेन हाईवेग के एमडी और एफएसआईआई के उपाध्यक्ष अरविंद कपूर, श्रीनिवास कुमार हेड ऑफ द मार्केटिंग डेवलपमेंट बायर, परेश वर्मा रिसर्च डायरेक्टर बायोसीड, समीर सावंत नामधारी सीड्स, रत्ना कुमार डायरेक्टर एग्री बायोटेक्नोलॉजी, बायर क्रॉप सांइस लिमिटेड से राजवीर राठी भी उपस्थित रहे. प्रोफ़ेसर अश्वनी पारीक ने कार्यक्रम के अंत में बीजों पर चल रही जीन एडटिंंग रिर्सच के बारे में सभी लोगों को बताया और साथ ही कई लोगों के जवाब भी दिए.
सत्र का उद्देश्य
भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में आयोजित हुए इस सत्र में चर्चा का विषय मुख्य रुप से देश के आर्थिक विकास में कृषि के योगदान को बढ़ावा देना, किसानों की आय में वृद्धि करना, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और कृषि निर्यात को बढ़ावा देना था. यह सत्र विशेष रूप से दलहन और तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, स्मार्ट और टिकाऊ उत्पादन, खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए फसल विविधीकरण के बारे में था. इसके अलावा बीज क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष नीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बीज स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा देना और सुचारू बीज संचालन के लिए वैश्विक फाइटोसैनिटरी सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना जैसे विषयों पर बात की गई.
फेडरेशन ऑफ़ सीड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया क्या है
फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) अनुसंधान एवं विकास आधारित पादप विज्ञान उद्योग का एक संघ है, जो भारत में भोजन, चारा और फाइबर के लिए उच्च प्रदर्शन गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन करने में लगा हुआ है. इसका उद्देश्य मुख्य रुप से अच्छे गुणवत्ता वाले बीजों को खेती में बढ़ावा देना है. FSII और इसकी सदस्य कंपनियां किसानों, बीज कंपनियों, ग्रामीण समुदायों, नियामक प्राधिकरणों, नीति निर्माताओं, सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिक समुदाय, उत्पादक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य विविध हितधारकों के साथ निकटता से जुड़ने के लिए कई हितधारकों के साथ सहयोग करती हैं ताकि विकास के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार किया जा सके.