Cabinet Portfolio: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता के बीच 'मामा' और 'भैया' नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान अब नई भूमिका में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले दिन कैबिनेट मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया, जिसमें शिवराज सिंह को किसानों और गांवों की उन्नति का जिम्मा सौंपा गया है. कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री बनाए जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वह मेहनत और पूरी क्षमता के साथ किसानों को खुशहाल बनाने का काम करेंगे. इसके अलावा, उन्होंने इस नई भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया है.
विभाग मिलने के बाद कल यानी 10 जून 2024 को केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की एमपी भवन में विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ पहली अनौपचारिक बैठक बुलाई गई. विभागों के प्रमुख विषयो पर सामान्य जानकारी प्राप्त करके उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. इस अधिकारिक बैठक में मनोज आहूजा (सचिव, कृषि मंत्रालय), शैलेंद्र सिंह (सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय) और मनोज जोशी (सचिव, भूमि संसाधन विभाग) उपस्थित रहे.
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, कृषि और किसान कल्याण का तेजी से चल रहा है और ग्रामीण विकास का काम भी तेजी से जारी है. चौहान ने कहा, सरकार नई नहीं है यह निरंतरता है और पिछले 10 सालों में भी काफी अच्छा काम हुआ है. अपने संकल्प पत्र में हमने किसान कल्याण और रूरल डेवलपमेंट के लिए एक रोड मैप तैयार किया है, इन्हीं कामों को हम आगे बढ़ाएंगे. नए कृषि मंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी जी की और सरकार की प्राथमिकता किसानों का कल्याण है. इसलिए उन्होंने जो पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए वह किसानों को सम्मान निधि जारी करने के लिए किए.
चौहान ने कहा कि, कैबिनेट ने जो फैसला लिया है, वो देश के 3 करोड़ गरीबों के घर बनाने का यह काम पहले से जारी है इन्हीं ही हम आगे बढ़ाएंगे. क्योंकि कोई नया मंत्री आया है तो, नया ही काम भी करेगा. काम में निरंतरता है और यह निरंतरता जारी रहेगी.
मध्य प्रदेश के प्रमुख नेता शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर काफी अविश्वसनीय रहा है, वह 4 बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहे हैं. लोगों के बीच उन्हें प्यार से 'मामा' और 'भैया' के नाम से पहचाना जाता है, जो स्थानीय समुदाय के साथ उनके मजबूत संबंध को दर्शाता है. बता दें, आरएसएस और छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले शिवराज 1970-1980 के दशक में मध्य प्रदेश में एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे.