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Updated on: 7 July, 2020 2:00 PM IST

पश्चिम बंगाल में सेल्फ हेल्प ग्रुप यानी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) द्वारा तैयार जैविक कृषि उत्पाद की आपूर्ति अब पड़ोसी देश बांग्लादेश में होगी. इसे लेकर एसएचजी सद्स्यों में काफी उत्साह है. सदस्यों में अधिकांश महिलाएं हैं. पहले भी वह मसाला जातीय जैविक खेती करती थी लेकिन उन्हें उपज का दाम नहीं मिलता था. लेकिन इस बार राज्य सरकार की मदद से उनके द्वारा तैयार जैविक कृषि उत्पाद की आपूर्ति बांग्लादेश में करने की तैयारी हुई है. पंचायत विभाग के अधीन सामग्रिक इलाका उन्नयन परिष गठित किया गया है. परिषद के नियंत्रण में राज्य के कई जिलों में मसाला जातीय जैविक खेती की जा रही है जिसमें जिरा, धनिया, मिर्च और हल्दी आदि शामिल है. एसएचजी की सदस्य जैविक खेती करने, पीसने और उसकी पैकेजिंग करने तक का काम भी करती हैं. मुर्शिदाबाद, नदिया, बर्दवान और उत्तर 24 परगना आदि जिलों में एसएचजी के मार्फत मसाला जातीय फसलों की जैविक खेती की जा रही है.

सामग्रिक इलाका उन्नय परिषद के मुताबिक इस माह 16 टन जिरा, 16 टन धनिया और 24 टन करके मिर्च व हल्दी का उत्पादन हुआ है. पंचायत विभाग के सहयोग से मसाला कै पैकेट तैयार कर उसे बांग्लादेश भेजने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए एक निर्यातक एजेंसी से करार हुआ है. हालांकि लॉकडाउन के कारण सीमावर्ती पेट्रापोल का रास्ता बंद होने के कारण तत्काल बांग्लादेश माल भेजने में थोड़ी असुविधा होगी. लेकिन सरकारी सहयोग से अंततः बंगाल में तैयार मसाला का पैकेट बांग्लादेश में भेजना संभव होगा.

पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा है कि एसएचजी कुछ जिलों में उच्च गुणवत्ता वाले मसाला जातीय फसलों की जैविक खेती कर रहा है. उनकी फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए बांग्लादेश में निर्यात की व्यवस्था की गई है. एसएचजी की अधिकांश सदस्य महिला हैं. महिलाएं खेती तकने से लेकर मसाला पीसने और उसे पैकेजिंग करने में दक्ष हैं. उनके द्वारा तैयार माल बांग्लादेश जाने से उन्हें इसकी अच्छी कीमत मिलेगी. बांग्लादेश के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध भी मजबूत होगा.

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बांग्लादेश माल जाने की तैयारी को लेकर एसएचजी की सदस्यों में भी उत्साह है. जैविक खेती से जुड़ी एसएचजी की सदस्य सलेहा खातून का कहना है कि तीन माह से लॉकडाउन के कारण आय के सारे साधन बंद हो गए हैं. बांग्लादेश माल भेजने के लिए मसाला की पैकेजिंग कर दी गई है. इस बार मसाला की जैविक खेती से अच्छी आय होने की उम्मीद जगी है. मसाला को पीसने से लेकर पैकेजिंग तक का काम एसएचजी की महिला सदस्यों ने ही किया है. इसलिए उनको इससे अतिरिक्त लाभ होगा. जैविक खेती से तैयार माल बांग्लादेश जाने से उसकी अच्छी कीमत मिलेगी और लॉक़ाउन के कारण जो घाटा हुआ था उसकी अब भरपाई जाने की उम्मीद है.

English Summary: SHG's ready organic product will be supplied in Bangladesh
Published on: 07 July 2020, 02:03 PM IST

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