इस समय पत्राकरिता की दुनिया में शोक की लहर है. हर आंखें गमगीन है. हर चेहरा खामोश है. कलमकारों की जमात का एक सदस्य हमेशा-हमेशा के लिए खामोश हो गया. अपने हर तीखे सवालों से सत्ता की बुनियाद हिलाकर अच्छों-अच्छों की बोलती बंद कर देने वाले पत्रकार रोहित सरदाना आज हमारे बीच नहीं रहें. शुक्रवार को हदय गति रूकने से 'आज तक' के वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का निधन हो गया. बीते दिनों वे कोरोना से संक्रमित भी हो गए थें, लेकिन वे इससे दुरूस्त हो रहे थे, मगर इस बीच उन्हें हार्ट अटैक हुआ, जिसके बाद उन्हें नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, मगर अफसोस आखिरी पड़ाव पर आकर वो जिंदगी की जंग हार गए. उनके यूं चले जाने से पत्रकारिता जगत का हर चेहरा स्तब्ध है.
एक तरफ जहां रोहित सरदाना के निधन से हर कोई दुखी है, तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इस संवेदनशील समय में भी आपत्तिजनक बयान देकर अपने खुद के मानव होने पर प्रशन चिन्ह खड़ा कर रहे हैं. इन्हीं में से एक शरजील उस्मान है. वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना के निधन पर शरजील उम्सान ने जिस तरह का ट्वीट किया है, उसे लेकर हर कोई नाराजगी जाहिर कर रहा है. अब लोग सरजील के इस ट्वीट को बैन करने की मांग कर रहे हैं. उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.
दरअसल, सरजील ने अपने ट्वीट में कहा कि, 'मनोरोगी, मनोविकारी झूठा और नरसंहार को बढ़ावा देने वाला. एक पत्रकार को रूप में याद नहीं किया जा सकता';. सरजील के इस ट्वीट पर हर कोई नारजागी व्यक्त कर उसके इस ट्वीट को बैन करने की मांग की जा रही है.
लोग उसके ट्वीट पर रीट्वीट कर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. विदित हो कि वर्तमान में पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है. इस महामारी में कई पत्रकार अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में किसी उन्मादी शख्स द्वारा इस तरह का ट्वीट किया जाना, निसंदेह निदंनीय है.