केरल सरकार (Kerala Government) ने गैर-विषाक्त सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए कृषि भवनों की मदद से कई योजनाएं शुरू की हैं, जो जैविक खेती के लिए महत्वपूर्ण है.
मगर यह भी सच है कि हमारे किसानों को कृषि भवनों के माध्यम से चलाई जा रही कई योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है. यहां हम अपने कृषि भवनों के माध्यम से कार्यान्वित परियोजनाओं की बात कर रहे हैं. कृषि विभाग के तहत आज कई योजनाएं हैं, जो गुणवत्ता वाले बीज से लेकर उसके विपणन तक के चरणों में सहायता करती हैं.
यहां तक कि जिन लोगों के पास 5 एकड़ भूमि है और जो पट्टे पर खेती करते हैं, उनका समर्थन करने वाली योजनाएं भी कृषि भवनों के तहत लागू की जा रही हैं.
सब्जी की खेती को बढ़ावा देने वाली योजनाएं
छत पर सब्जियां उगाने वालों के लिए फार्म हाउस पर पॉटिंग मिक्स से भरे 25 ग्रो बैग और सब्जी की पौध वाली यूनिट के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. बता दें कि किसानों को 2000 रुपए की ग्रो बैग इकाई 500 रुपए प्रति यूनिट की दर से 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ उपलब्ध होती है. इसके साथ ही बीज, पौध एवं खाद भी निःशुल्क मिलती है.
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विद्यार्थियों में सब्जी की खेती के प्रति अभिरुचि पैदा करने के उद्देश्य से विद्यालय विभागों में सब्जी की खेती के लिए 5000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है.
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इसके अलावा सिंचाई के लिए पंप सेट व कुआं स्थापित करने के लिए 10 हजार रुपए की स्वीकृति दी जाएगी.
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विभिन्न संस्थाओं को कम से कम 50 एकड़ में खेती के लिए 2 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाती है.
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क्लस्टर आधारित सब्जी की खेती के लिए 20,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राशि प्रदान की जाएगी.
इसके अलावा पंडाल की आवश्यकता वाली सब्जियों की किस्मों के लिए 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर और अधिकतम रुपए तक की सब्सिडी की सुविधा मिलती है. इस तरह राज्य के किसानों के लिए खेती करना आसाना होगा, इससे उनकी आमदनी में इजाफा हो पाएगा.